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चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के सुदूर भाग की तस्वीरें लीं : ISRO

Bengluru :  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का चंद्रयान-3 मिशन अपने अंतिम चरण में है. चांद पर लैंडिंग से पहले विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के सुदूर भाग की तस्वीरें ली है. इसरो ने इस तस्वीर को आज सोमवार सुबह एक्स पर शेयर किया है.  ‘लैंडर हजार्ड डिटेक्टशन एंड अवॉइडेंस कैमरा’ (एलएचडीएसी) को इसरो के अहमदाबाद स्थित प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र ‘स्पेस ऐप्लीकेशंस सेंटर’ (एसएसी) ने विकसित किया है. यह कैमरा लैंडिंग के लिहाज से सुरक्षित उन क्षेत्र की पहचान करने में मदद करता है, जहां बड़े-बड़े पत्थर या गहरी खाइयां नहीं होती हैं. अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, चंद्रयान-3 मिशन के कई लक्ष्यों को हासिल करने के लिए लैंडर में एलएचडीएसी जैसी कई अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां मौजूद हैं.

सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त शाम पांच बजकर 45 मिनट पर होने की उम्मीद  

चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था. इसका मकसद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की उपलब्धि हासिल करना है. इसरो ने रविवार को कहा कि रोवर के साथ लैंडर मॉड्यूल के 23 अगस्त को शाम तकरीबन छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरने की संभावना है. इसे भी पढ़ें : शाह">https://lagatar.in/sibals-taunt-on-shahs-self-reliant-mp-statement-said-the-state-contributing-the-most-to-poverty/">शाह

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लैंडर विक्रम का दिमाग दिखायेगा करामात

लैंडर विक्रम अब अपने दिमाग का पूरा इस्तेमाल करेगा. वह अपने सेंसर और कैमरों की मदद से लैंडिंग की उचित जगह की तलाश करेगा. वह अपनी गति लगभग शून्य कर लेगा. फिर धीरे-धीरे चांद पर इसके चारों पाये कदम रखेंगे. कहा गया है कि 12 डिग्री के झुकाव के साथ लैंडर विक्रम चांद पर उतरेगा. इस क्रम में प्रज्ञान रोवर इससे बाहर निकलेगा. 14 दिन तक चांद की सतह पर प्रज्ञान रोवर का परीक्षण जारी रहेगा. इसे भी पढ़ें : महुआडाड़">https://lagatar.in/latehar-income-of-villagers-from-khukdi/">महुआडाड़

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