धनबाद : चार दिवसीय आस्था के महापर्व छठ की शुरूआत 8 नवंबर से कोयलांचल में शुरू हो गई. छठ व्रती व श्रद्धालुगण सुबह दामोदर नदी में स्नान कर पूजा अर्चना की और छठ मैय्या से देश को जल्द से जल्द कोरोना मुक्त करने की प्रार्थना की. स्नान के बाद घाट पर पूजा-अर्चना कर व्रती व श्रद्धालुगण अपने-अपने घर लौटे तथा नहाय-खाय के अवसर पर खाया जाने वाला खास प्रसाद बनाने में जुट गए. प्रसाद अरवा चावल, चना दाल और कद्दू से बनाया जाता है, जिसे सायंकाल ग्रहण किया जाता है. घाटों पर स्नान करने पहुंची छठ व्रतियों व श्रद्धालुओं के चेहरे पर इस बार खुशी झलक रही थी. 2020 में कोरोना महामारी के कारण व्रतियों को छठ मनाने के लिए घाटों पर जाने की अनुमति नहीं मिली थी. इस वजह से घर में ही स्नान कर छठ मनाया गया था. छठ की महिमा के बारे में स्नान करने आई कुछ व्रतियों व श्रद्धालुओं ने बताया कि छठ मैय्या की महिमा अपरंपार है. छठ पूजा करने से घर में सुख शांति बनी रहती है. इसे भी पढ़े :अगले">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=182244&action=edit">अगले
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छठ महापर्व : नहाय-खाय के साथ शुरू

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