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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला : पूर्व सीएम भूपेश बघेल और उनके बेटे से जुड़े 15 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

Raipur :  छत्तीसगढ़ में मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े कथित शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है. ईडी की टीम आज सोमवार को सुबह-सुबह छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल के भिलाई स्थित घर पर छापेमारी कर रही है. इसके अलावा दोनों से जुड़े लोगों के कुल 15 ठिकानों की भी ईडी तलाशी ले रही है.

https://twitter.com/PTI_News/status/1898961092539502805

पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास चल रहा हो,

  तो यह गलतफहमी है 

इस छापेमारी को लेकर भूपेश बघेल के ऑफिस ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि सात वर्षों से चल रहे झूठे केस को जब अदालत ने बर्खास्त किया, तो आज ED के मेहमानों ने पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई वाले घर में आज सुबह प्रवेश किया है. अगर कोई इस षड्यंत्र के जरिए पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है.

https://twitter.com/bhupeshbaghel/status/1898946573821714457

जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी ने रेड करवा दी : पवन खेड़ा

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर बीजेपी पर तंज कसा है. उन्होंने लिखा कि आज सुबह से भिलाई में भूपेष बघेल जी के घर पर ED की रेड जारी है. विपक्षी नेताओं के साथ ऐसा करना बीजेपी की परंपरा बन चुकी है. आज से संसद सत्र शुरू हो रहा है, इसलिए जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी ने रेड करवा दी. लेकिन हम डरेंगे नहीं. https://twitter.com/INCIndia/status/1898963213963915707

शराब सिंडिकेट ने की 2,100 करोड़ से अधिक की हेराफेरी 

ईडी का दावा है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ है. शराब सिंडिकेट ने कथित तौर पर 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की है. इस मामले में कई राज्य सरकार के अधिकारियों और व्यापारियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

 जांच एजेंसी ने मई 2024 में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर समेत कई आरोपियों की लगभग 18 चल और 161 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था, जिसकी कीमत 205.49 करोड़ रुपये थी.

बता दें कि ईडी छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में जांच कर रही है और इस संबंध में एसीबी में FIR भी दर्ज की गई है.  ईडी ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में आईएएस अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट ने इस घोटाले को अंजाम दिया.