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IPS अमरजीत बलिहार हत्यांकांड के अलग-अलग फैसले पर चीफ जस्टिस अपने बेंच में सुनें

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  • सुप्रीम कोर्ट पहुंचने वाले सभी कैदियों के मामले में हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया
  • हाईकोर्ट ने निर्मल भेंगरा, नितेश साहू, गांधी उरांव, रोहित राय और बंधन उरांव की अपील याचिकाएं खारिज कर दी है. 

Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने उन सभी 10 कैदियों के मामले में अपना फैसला सुना दिया है, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने 10 में से पांच कैदियों की याचिकाएं रद्द कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से पाकुड़ के तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार सहित अन्य पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में दिये गये अलग अलग फैसले को जल्दी सुन कर निपटाने का अनुरोध किया है.

मालूम हो कि झारखंड के जेल में लंबे समय से बंद 10 कैदियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर हाईकोर्ट में लंबित अपने मामलों के शीघ्र निपटाने का अनुरोध किया था. सुप्रीम कोर्ट पहुंचने वाले 10 में से छह कैदियों को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनायी थी. फांसी की सजा पाने वालों में अमरजीत बलिहार हत्या के दो नक्सली भी शामिल है. इन 10 कैदियों ने 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके बाद हाईकोर्ट ने सभी कैदियों के सिलसिले में अपना फैसला सुनाया.

हाईकोर्ट ने बिरसा मुंडा जेल में बंद अमित कुमार दास और बसंत महतो की याचिका स्वीकार कर ली है. अमित कुमार जमानत पर है. बसंत महतो का जजमेंट अपलोड नहीं होने की वजह से उसे नहीं छोड़ा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने बसंत महतो को तत्काल जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है.

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हाईकोर्ट ने पांच कैदियों की अपील याचिकाएं खारिज कर दी है. यानी निचली अदालतों द्वारा उन्हें दी गयी सजा को बहाल रखा है. इन कैदियों में निर्मल भेंगरा, नितेश साहू, गांधी उरांव, रोहित राय और बंधन उरांव का नाम शामिल है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी के सदस्य सचिव को यह निर्देश दिया है कि वह इन कैदियों से तत्काल संपर्क करे. अगर इसमें से कोई अपने स्तर पर वकील रखने के लायक नहीं हो तो कानी सेवा उपलब्ध करायें.

हाईकोर्ट ने आइपीएस अमरजीत बलिहार सहित पांच पुलिसकर्मियों के मामले में अलग अलग फैसला सुनाया है. इन कैदियों में सुखलाल मुर्मू और सनत बासकी का नाम शामिल है. न्यायाधीश रंगोन मुखोपाध्याय ने दोनों को दी गयी फांसी की सजा को रद्द कर दिया, जबकि न्यायाधीश संजय प्रसाद ने दोनों की दी गयी फांसी की सजा को बहाल रखा. इस बात के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से यह अनुरोध किया है कि वह इस मामले को अपने बेंच में लेकर सुने और जल्दी फैसला करें.

सुप्रीम कोर्ट कहा है कि हाईकोर्ट ने प्रताप साही के मामले में भी अपना फैसला सुनाया है. वह जमानत पर है. अगर हाईकोर्ट ने उसकी याचिका स्वीकार कर ली है तो कोई मुद्दा नहीं है. अगर याचिका खारिज कर दी है तो प्रताप को दी गयी सजा आठ सप्ताह तक निलंबित रहेगी.

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले कैदियों की ताजा स्थिति

  • अमित कुमार दास, 15 साल 11 महीना (जमानत पर छूटे)
  • निर्मल भेंगरा, 16 साल 10 महीना (अपील खारिज कर दी गयी)
  • नीतेश साहू, 10 साल नौ महीना (अपील खारिज कर दी गयी)
  • सनत बासकी, 9 साल तीन महीना ( अलग-अलग फैसला)
  • सुखलाल मुर्मू, 3 साल 11 महीना (अलग-अलग फैसला)
  • बसंत कुमार महतो, 12 साल आठ महीना (जजमेंट अपलोड नहीं हुआ)
  • गांधी उरांव, 11 साल एक महीना (याचिका खारिज)
  • रोहित राय, 8 साल चार महीना (याचिका खारिज)
  • बंधन उरांव, छह साल सात महीना (याचिका खारिज)
  • प्रताप साही, 15 साल तीन महीना (जमानत पर है)

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