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भ्रष्ट अफसरों के भरोसे कोरोना से जंग लड़ने चले हैं मुख्यमंत्री- दीपक प्रकाश

  • देश में कोरोना की वृद्धि दर 1.8%, झारखंड में 2.10 प्रतिशत
  • लाश लेने के लिए भी करनी पड़ रही पॉलिटिकल और एडमिनिस्ट्रेटिव पैरवी
  • रिम्स और सदर अस्पताल में अव्यवस्था का आलम
  • आत्माविहीन हो चुकी है हेमंत सरकार- दीपक प्रकाश

Ranchi: बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि कोरोना से जंग में झारखंड के लोग भगवान भरोसे हैं. सरकार कुंभकर्णी नींद में सोई हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार अफसरों को शंटिंग में डाल दिया है और भ्रष्टाचार के आरोपी पदाधिकारियों के भरोसे कोरोना के जंग लड़ने के लिए निकले हैं.

झारखंड का रिकवरी रेट 80 फीसदी

दीपक प्रकाश ने कहा कि सरकार संवेदनहीनता का परिचय दे रही है. अगर कोरोनावायरस वृद्धि दर की बात करें तो देश में वृद्धि दर 1.8 फीसदी है जबकि झारखंड में वृद्धि दर 2.10 फीसदी है वहीं अगर रिकवरी रेट की बात करें तो देश में रिकवरी रेट 86 फ़ीसदी है, जबकि झारखंड का रिकवरी रेट 80% है.

रिम्स और सदर अस्पताल में अव्यवस्था का आलम

सांसद ने कहा कि राज्य की हालत बहुत खराब है. उन्होंने कहा कि वे रिम्स और सदर अस्पताल का दौरा कर चुके हैं. वहां उन्होंने जो स्थिति देखी है वह बयां नहीं किया जा सकता. हर तरफ अव्यवस्था और अराजकता का माहौल है. मरे हुए लोगों के परिजन रिम्स में लाशों को ढूंढ रहे हैं. लाश लेने के लिए पॉलिटिकल और एडमिनिस्ट्रेटिव पैरवी करनी पड़ रही है.

आत्माविहीन हो चुकी है सरकार

उन्होंने कहा कि घाघरा घाट पर लाशों की लंबी लाइन लगी है. लकड़ी की कमी हो जा रही है. वहां गंदगी फैली हुई है. आखिर यह सब कौन देखेगा. सरकार ने नगर निगम के आर्थिक अधिकार छीन लिए हैं. ऐसी असंवेदनशील सरकार न पहले कभी देखी और ना आगे देखेंगे. हद हो गई है. सरकार एंबुलेंस से शव ढो रही है और मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिल रहे. सरकार क्या प्राइवेट गाड़ियों से शव नहीं ढो सकती. छोटी-छोटी बातों का भी सरकार को ध्यान नहीं है. सरकार आत्माविहीन हो चुकी है.

6 महीने पहले क्यों नहीं खरीदी कोबास मशीन

दीपक प्रकाश ने कहा कि सरकार के पास 6 महीने पहले ही कोबास मशीन खरीदने का प्रस्ताव गया था, लेकिन 6 महीने तक सरकार सोई रही और अब नींद टूटी है. अगर अब तक मशीन आ जाती तो एक बार में 3000 सैंपल की जांच हो सकती. ऑक्सीजन सिलेंडर खरीद की प्रक्रिया के लिए होने वाले टेंडर पर भी उन्होंने सवाल उठाए. साथ ही कहा कि सरकार ने इंसीडेंट कमांडर की नियुक्ति कर दी है, लेकिन उनके पास ना संसाधन है न कोई जवाब.

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