LagatarDesk: एनडीए सरकार में सहयोगी जनता दल यूनाइटेड के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पेगासस जासूसी प्रकरण की जांच की मांग की है. नीतीश इससे पहले भी इस मामले को लेकर चिंता जता चुके हैं. जांच की मांग से संबंधित सवाल पर बिहार के सीएम ने कहा, ‘बिल्कुल जांच होनी चाहिए. टेलीफोन टैपिंग की बात इतने समय से आ रही है, इस पर जरूर बात हो जानी चाहिए, चर्चा हो जानी चाहिए. उन्होंने कहा पार्लियामेंट में कुछ लोग बोल रहे हैं और समाचार पत्र में भी आ रहा है, उसी को हम देखते हैं, जो भी है उसकी पूरी जांच होनी चाहिए. नीतीश ने कहा, ‘निश्चित रूप से इस पर मेरी समझ से जांच कर लेनी चाहिए ताकि जो भी सच्चाई हो, सामने आ जाए और कभी भी कोई किसी को डिस्टर्ब करने के लिए, परेशान करने के लिए इस तरह का काम न करे. ‘इस मामले में संसद में गतिरोध और ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की मांग पर नीतीश ने कहा कि यह संसद के अंदर की बात है, लेकिन सरकार की ओर से जवाब दिया गया है.
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पेगासस जासूसी प्रकरण की जांच की मांग
दरअसल मीडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ राजनीतिक नेताओं, सरकारी अधिकारियों, पत्रकारों सहित अनेक भारतीयों की निगरानी करने के लिये इजराइली स्पाइवेयर पेगासस का कथित तौर पर उपयोग किया गया था. पेगासस जासूसी प्रकरण को लेकर संसद में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध दूर नहीं हो रहा और सामान्य कामकाज नहीं हो पा रहा. दोनों सदनों में लगातार कार्यवाही टालने की नौबत आ रही है. विपक्ष के हंगामे के कारण सोमवार को भी दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार 11 बजे तक स्थगित करनी पड़ी. संसद सत्र 19 जुलाई से प्रारंभ हुआ है, लेकिन पेगासस मामले और कृषि कानून के मसले पर विपक्षी सांसदों के हंगामे और विरोध की वजह से ज्यादातर समय सदन नहीं चल सका है. विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि संसद में उनकी आवाज को दबाया जा रहा है. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि केंद्र सरकार पेगासस जासूसी प्रकरण पर कुछ सवालों के जवाब दे, तो संसद की कार्यवाही अगले मिनट ही चलने लगेगी, लेकिन वह इस मुद्दे पर चर्चा से भाग रही है.
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