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Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के व्यक्तिगत प्रयास से कोरोना लहर के पहले फेज में मुख्यमंत्री शहरी श्रमिक योजना लांच की गयी थी. यह योजना श्रमिकों के लिए वरदान साबित हो रही है. श्रमिकों में आत्मविश्वास बढ़ रहा है. नगर विकास विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य के 50 नगर निकायों में विगत ढाई वर्ष में 63,493 जॉब कार्ड जारी किये गये हैं. इस दौरान कुल 12,66,744 मानव दिवस कार्य का आवंटन किया गया. जॉब कार्डधारी को अधिकतम 100 कार्य दिवस का आवंटन हुआ. बता दें कि मनरेगा की तर्ज पर शहरी क्षेत्र में रहने वाले गरीबों और श्रमिकों के लिए मुख्यमंत्री श्रमिक योजना को 14 अगस्त 2020 को लांच किया गया था. योजना से शहरी जनसंख्या के करीब 31 प्रतिशत लोग, जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन- यापन कर रहे हैं, उन्हें लाभान्वित करने का लक्ष्य है.
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रोजगार गारंटी स्कीम और बेरोजगारी भत्ता
योजना में प्रावधान है कि काम की मांग करनेवाले किसी रजिस्टर्ड श्रमिक को 15 दिनों के अंदर रोजगार की मंजूरी नहीं मिलती है, तो वह बेरोजगारी भत्ते का हकदार होगा. यह भत्ता पहले माह न्यूनतम मजदूरी का एक चौथाई, दूसरे माह न्यूनतम मजदूरी का आधा और तीसरे माह से न्यूनतम मजदूरी के बराबर होगा. जरूरी है कि मजदूर ने अपना रजिस्टर्ड कराया हो. साथ ही वैसे ग्रामीण श्रमिक, जो मजदूरी करने शहर आते हैं एवं जिनका मनरेगा जॉब कार्ड नहीं है, वे भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
योजना के निम्नलिखित उद्देश्य हैं
मुख्यमंत्री शहरी श्रमिक योजना लाने का उद्देश्य बहुउद्शीय है. इसमें शामिल हैं-
- गरीब परिवारों की खाद्य सुरक्षा.
- पोषण के अवसर बढ़ाना और उनके जीवन में सुधार लाना.
- शहरी क्षेत्रों में साफ-सफाई, स्वच्छता और शुद्ध वातावरण का सृजन करना.
- शहरी क्षेत्रों में हरियाली का विस्तार करना.
- शहरी क्षेत्रों में संचालित विभिन्न योजनाओं के ससमय पूरा होने की गारंटी करना. विभिन्न संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों का बेहतर रख-रखाव करना भी उसमें शामिल है.
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