Ranchi : कोरोना की पहली लहर ने सबसे अधिक बुजुर्गों को प्रभावित किया है. तो वहीं दूसरी लहर से युवा प्रभावित हुए हैं. एक्सपर्ट मानते हैं कि अब कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित कर सकता है. ऐसे में राज्य सरकार पहले से सतर्कता बरतने की तैयारी में है. ताकि तीसरी लहर के समय लोगों को बेड के लिए भटकना ना पड़े. माना जा रहा है कि यह लहर बच्चों को अपनी चपेट में लेगा. ऐसे में राज्य सरकार अस्पतालों में बच्चों के लिए बेड बढ़ाने पर जोर दे रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कोरोना के संभावित तीसरे लहर को देखते हुए देश के शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के साथ राज्य के चिकित्सकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर राय लिया.
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रांची में बढ़ाए जाएंगे तीन सौ बेड
सरकार के निर्देश के बाद रांची शहर के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में करीब 300 बेड बढ़ाए जाएंगे. इसको लेकर तैयारी जोरों पर है. बेड के अलावा भी सभी जरूरी उपकरण की खरीदारी और स्वास्थ्य कर्मियों के ट्रेनिंग पर भी ध्यान दिया जा रहा है. शहर के निजी अस्पताल में करीब 200 बेड बढ़ाने की तैयारी है. रांची के मेडिका, ऑर्किड, रानी चिल्ड्रेन अस्पताल,बालपन,राज और मेदांता अस्पताल में बेड बढ़ाए जांएगे.
बच्चों के लिए सबसे बड़ा इलाज का केंद्र होगा रिम्स
रिम्स के पीडियाट्रिक सर्जरी में भी कोरोना के तीसरे लहर को देखते हुए तैयारी चल रही है. पीडियाट्रिक सर्जन डॉ अभिषेक ने कहा कि रिम्स में खाली पड़े एक स्थान को चिन्हित कर 20 से 25 बेड का पीडियाट्रिक ICU बनाया जा रहा है. इससे पहले हमारे पास 40 बेड की व्यवस्था थी. वहीं मल्टी स्टोरी पार्किंग में 300 बेड के अस्पताल को पूरी तरह से रिजर्व रखा जाएगा. डॉ अभिषेक ने कहा कि कोरोना का तीसरा लहर ज्यादा खतरनाक होता है तो सर्जरी वार्ड को भी कोविड वार्ड में तब्दील करेंगे. पीडियाट्रिक विभाग के ट्रेंड स्टाफ दूसरे लोगों को भी ट्रेंड कर रहे हैं. वेंटिलेटर और हाई फ्लो देने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
सदर अस्पताल में 60 बेड की तैयारी
सदर अस्पताल में में बच्चों के लिए लिए 60 बेड तैयार किया जा रहा है. पहले तल्ले में एक तरफ 20 बेड का ICU बच्चों के लिए बन रहा है. वहीं दूसरी तरफ 40 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड रहेंगे. प्रभारी सिविल सर्जन डॉ विनोद ने बताया कि सदर अस्पताल में पहले से 12 NICU मौजूद है. लेकिन संभावित तीसरे लहर से लड़ने के लिए ये काफी नहीं है. जरूरत के हिसाब से दूसरे और तीसरे तल्ले को भी बढ़ाया जाएगा. इसके लिए सदर अस्पताल प्रबंधन तैयार है.
बालपन अस्पताल में बेड बढ़ाने के लिए अलग से लिया गया बिल्डिंग
बूटी मोड़ स्थित बालपन अस्पताल बच्चों के इलाज को लेकर पूरी तरह तैयार है. अस्पताल के निदेशक डॉ राजेश ने बताया कि हमारे यहां पहले से 45 बेड बच्चों के लिए सुचारू हैं, जिसमें पूरी सुविधा उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि बेड बढ़ाने के लिए एक अलग से बिल्डिंग ले ली गयी है. जिसमें 25 बेड तैयार किए जाएंगे और सभी जरूरी उपकरण 7 दिनों के अंदर ले लिए जाएंगे. जिसके बाद बच्चों को कोई दिक्कत नहीं होगी.
रानी चिल्ड्रेन अस्पताल जरूरत पड़ने पर बढ़ाएगा बेड
रानी चिल्ड्रेन अस्पताल के संचालक डॉ राजेश कुमार ने बताया कि रानी चिल्ड्रेन में पहले से 100 बेड उपलब्ध हैं. जिसमें बच्चों के लिए सभी तरह की सुविधा है और 40 आईसीयू बेड हैं. अन्य ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड हैं. उन्होंने बताया कि समय से पहले हम और आईसीयू की संख्या बढ़ाएंगे. साथ ही रानी चिल्ड्रेन अस्पताल अन्य अस्पतालों में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ को ट्रेनिंग भी देगा, ताकि बच्चों के इलाज में किसी तरह की कोई समस्या ना आए. कुछ दिन पहले रांची डीसी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने रानी चिल्ड्रेन अस्पताल का मुआयना भी किया था. रानी चिल्ड्रेन शहर के सबसे अच्छे बच्चों के अस्पताल में से एक है.
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