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पंडित नेहरू को बच्चों के साथ मिलना – जुलना पसंद था
विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर जीएन खान ने बच्चों को संबोधित करते हुए पंडित नेहरू के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि 1956 से 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता था, किंतु पंडित जी की मृत्यु के बाद उन्हें सदैव स्मरण रखने हेतु उनके जन्मदिन 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया. उन्होंने नेहरू जी के प्रसिद्ध कथनों का भी उल्लेख किया. उन्होंने बताया कि पंडित नेहरू को बच्चों के साथ मिलना – जुलना पसंद था. इसलिए बच्चे भी उन्हें चाचा नेहरू कहते थे. पंडित जी का मानना था कि हमारी शिक्षा व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जिसमें बच्चे किताबी कीड़ा ना होकर उनका सर्वांगीण विकास हो व भावनात्मक रूप से समृद्ध हो तथा सामाजिक व नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण हो. आज के बच्चे ही कल का बेहतर भारत बना सकते हैं. जब कोई बच्चा आज हमारा प्यार पायेगा तब वह कल समाज में प्यार फैलाएगा. इसे भी पढें - विवादित">https://lagatar.in/kangna-ranaut-embroiled-in-controversies-said-i-will-return-the-padma-shri-first-answer-my-question/">विवादितबयान पर घिरी कंगना ने रखी शर्त, बोलीं- पद्मश्री कर दूंगी वापस, पहले मेरे सवाल का दें जवाब
वसुदेव कुटुंबकम का संदेश दिया
डॉक्टर खान ने बताया पंडित नेहरू अपने ही देश तक सीमित नहीं थे बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर भी प्रभाव रखते थे. ‘गुटनिरपेक्ष राष्ट्रों’ का निर्माण कर उन्होंने वसुदेव कुटुंबकम का संदेश दिया. कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका श्रीमती मीनाक्षी कर्ण ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन श्री आलोक कुमार ने किया. कार्यक्रम का समापन शिक्षक अरविंद कुमार ने शांति पाठ के साथ किया. बच्चों के बीच टॉफी भी वितरित की गई. इसे भी पढें - Ranchi">https://lagatar.in/ranchi-bjp-will-agitate-for-the-demand-of-holding-panchayat-elections/">Ranchi: पंचायत चुनाव कराने की मांग को लेकर भाजपा करेगी आंदोलन [wpse_comments_template]
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