मूर्ति को यह कहते हुए नष्ट कर दिया कि यह काफी ज्यादा लंबा है
तिब्बती सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में बताया है कि चीनी अधिकारियों ने दिसंबर के महीने में इस मूर्ति को यह कहते हुए नष्ट कर दिया कि यह काफी ज्यादा लंबा है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि स्थानीय तिब्बती भिक्षुओं को जबरन इस कार्रवाई को दिखाया गया. दरअसल चीन तिब्बत के राष्ट्रीय संस्कृति को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहता है और इसी अभियान के तहत ऐसा किया गया है.अब तक 11 भिक्षुओं को गिरफ्तार किया
एक सूत्र के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि ड्रागो के गाडेन नम्गयाल मठ से अब तक 11 भिक्षुओं को गिरफ्तार कर लिया गया है. इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने प्रतिमा को नष्ट करने का वीडियो और फोटो प्रक्षेत्र के बाहर शेयर किया है. कहा जा रहा है कि मठ से अबोट पेल्गा, उनके सायक नियामा और भिक्षु ताशी डोर्जे को हिरासत में लिया गया है. चीनी अधिकारियों ने कहा कि उन्हें पाठ पढ़ाने की जरूरत है.इनकी बेरहमी से पिटाई की
यह बात भी निकलकर सामने आई है कि इनकी बेरहमी से पिटाई की गई है और जेल में इन्हें खाना तक नहीं दिया गया. एक भिक्षु की इतनी पिटाई की गई है उनकी एक आंख पर गंभीर चोट आई है. न्यूयॉर्क के एक मानवाधिकार कार्यकर्ता सोफी रिचर्डसन ने बुद्ध मूर्ति को तोड़े जाने और तिब्बती भिक्षुओं पर अत्याचार को लेकर कहा कि चीन में इस धर्म को मानने वाले लोगों को कानूनी या संवैधानिक अधिकार नहीं मिलते. इसे भी पढ़ें – कोरोना">https://lagatar.in/corona-1-41-lakh-new-patients-in-24-hours-night-curfew-in-maharashtra-from-january-10/">कोरोना: 24 घंटे में 1.41 लाख नये मरीज, महाराष्ट्र में 10 जनवरी से नाइट कर्फ्यू [wpse_comments_template]

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