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पैंगोंग झील सहित अक्साई चिन में  सड़कों-पुलों का जाल बिछा रहा चीन, सैटलाइट तस्वीरें यही बता रही

  Beijing/NewDelhi : अक्साई चिन इलाके से चिंता जनक खबरें आ रही है. जानकारी सामने आयी है कि चीनी ड्रैगन पूरे अक्साई चिन इलाके में भारत के खिलाफ जोरदार किलेबंदी कर रहा है.    जान लें कि चीन ने भारत के अक्साई चिन इलाके पर जबरन काबिज है. चीन द्वारा वहां पर सड़कों और पुलों का जाल बिछाया जा रहा है. सैटलाइट तस्वीरें यही बता रही हैं.  सूत्र बताते हैं कि चीन ने  लद्दाख के गलवान घाटी में खूनी झड़प के बाद 2020-21 के बीच में निर्माण कार्य बहुत तेज कर दिया है.

पैंगोंग झील पर पुल बना रहा है चीन

चीन अक्साई चिन इलाके में नयी सड़कें सहित नये पुल रहा है. साथ ही पुरानी सड़कें चौड़ी की जा रही है, विशेषज्ञों के अनुसार चीन की कोशिश है कि इसके जरिए अक्साई चिन पर अपनी पकड़ को और मजबूत किया जा सके और साथ ही किसी आक्रामक कार्रवाई की सूरत में भारतीय सेना को तेजी से जवाब दिया जा सके.

LAC पर  60 हजार चीनी सैनिक तैनात

खबरों के अनुसार चीन ने कड़ाके की  ठंड में भी पूर्वी लद्दाख में पूरे LAC पर अपने 60 हजार सैनिकों की  तैनाती कर रखी है. हालांकि  भारतीय सेना ने भी चीन को करारा जवाब देने के लिए इतने ही सैनिक तैनात किये हैं.  सूत्रों का मानें तो चीनी सेना ने अपने गर्मियों में ट्रेनिंग लेने वाले सैनिकों को तो हटा लिया है लेकिन अभी भी 60 हजार सैनिक सीमा पर मौजूद हैं. जानकारी के अनुसार भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय राइफल्स को आतंकवाद‍ निरोधक अभियान से हटाकर  14वीं कोर के साथ जोड़ दिया है.

भारतीय सेना ने  पैंगोंग त्सो दक्षिणी किनारे की ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था

सोमवार को यह खबर सामने आयी कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पैंगोंग त्सो झील पर अपने क्षेत्र में खुर्नक पर एक पुल बना रही है, जो झील का सबसे संकरा हिस्सा है.   एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इस पुल का निर्माण भविष्य में भारतीय सेना के अगस्त 2020 जैसे किसी भी ऑपरेशन का मुकाबला करने के लिए हो रहा है. बता दें कि  भारतीय सेना ने एक स्पेशल ऑपरेशन को अंजाम देते हुए 29 और 30 अगस्त 2020 की रात को पैंगोंग त्सो दक्षिणी किनारे की ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था.

चीन ने भारत की अगस्त 2020 की कार्रवाई से सबक लिया है

रिपोर्ट बताती है कि निर्माणाधीन पुल खुर्नक से दक्षिणी तट के बीच 180 किमी की दूरी  खत्म हो जायेगी.  यानी खुर्नक से रुडोक तक का रास्ता पहले के  200 किमी की तुलना में अब सिर्फ 40-50 किमी का रहेगा.जान लें कि 135 किमी लंबी पैंगोंग त्सो स्थलीय सीमा से घिरी हुई एक झील है जिसका कुछ हिस्सा लद्दाख और बाकी हिस्सा तिब्बत में है.. माना जा रहा है कि चीन ने भारत की अगस्त 2020 की कार्रवाई से सबक लिया है और इसीलिए वह अपनी तैयारियों को मजबूत कर रहा है. [wpse_comments_template]

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