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चीन अगले माह LAC पर करेगा युद्धाभ्यास, भारत के खिलाफ फिर कर सकता है दुस्साहस!

  NewDelhi :  मार्च-अप्रैल में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी LAC युद्धाभ्यास करने जा रही है. रूस ने भी यूक्रेन पर हमले से पहले युद्धाभ्यास किया था. ऐसे में उत्तरी बॉर्डर पर चीन फिर भारत के खिलाफ दुस्साहस कर सकता है. ऐसा जानकारों का मानना है. बता दें कि यूक्रेन पर रूस लगातार बमबारी कर रहा है. चीन और पाकिस्तान जैसे देश रूस के समर्थन में खड़े दिख रहे हैं. वर्तमान में  हिंद-प्रशांत क्षेत्र से अमेरिका का ध्यान हट गया है. अमेरिका और नाटो का फोकस यूक्रेन और यूरोपीय देशों के हितों की सुरक्षा पर है. जानकारों के अनुसार इन हालातों में इस बात की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि उत्तरी बॉर्डर पर चीन फिर कोई दुस्साहस कर सकता है. हालांकि  भारत सरकार चीन के हर मूवमेंट पर नजर रख रही है. इसे भी पढ़ें : Russia-Ukraine">https://lagatar.in/russia-ukraine-war-president-of-ukraine-said-we-were-left-alone-russian-forces-entered-kiev/">Russia-Ukraine

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चीन के फ्रंट पर भारत को पैनी नजर रखनी होगी

TOI ने एक डिफेंस अधिकारी के हवाले से कहा है कि चीन के फ्रंट पर भारत को पैनी नजर रखनी होगी. कहा कि 3488 किमी लंबी LAC पर मार्च-अप्रैल में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी  युद्धाभ्यास करने जा रही है. किसी भी चुनौती के लिए हमें तैयार रहना होगा.  रूस ने भी यूक्रेन पर हमले से पहले युद्धाभ्यास किया था. ऐसे में भारत को भी पूरी तैयारी रखनी होगी. एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका समेत पूरे पश्चिम का ध्यान इस समय रूस के यूक्रेन पर आक्रमण पर है. हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन को काउंटर करने का एजेंडा फिलहाल ठंडे बस्ते में रहने वाला है. ऐसे में बीजिंग LAC पर खासतौर से अरुणाचल सेक्टर में कोई हिमाकत कर सकता है,. चीन की मंशा पहले भी शांति की नहीं रही है. पूर्वी लद्दाख में 21 महीने से चल रहे तनाव को कम करने की चीन ने कोशिश नहीं की है, बल्कि उसने पूरी रणनीति के तहत एलएसी पर अपनी सैन्य पोजीशन मजबूत कर ली और इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने में जुटा है. इसे भी पढ़ें : यूक्रेन">https://lagatar.in/cyber-attack-on-ukraine-many-government-and-banking-websites-were-targeted-through-wiper-malware/">यूक्रेन

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एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने चीन की तरफ से खतरे का जिक्र किया

कहा गया है कि पारंपरिक सैन्य क्षमताओं के साथ-साथ चीन का फोकस स्पेस, साइबर स्पेस और सूचना व खुफिया वॉरफेयर पर है जो भारत के लिए चिंता की बात है. IAF चीफ एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने गुरुवार को एक सेमिनार में चीन की तरफ से एक बड़े खतरे का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अपने निष्क्रिय उपग्रहों में से एक को अन्य कक्षा में ले जाने का चीन का हालिया कदम अंतरिक्ष को हथियारों से लैस करने की दौड़ में नये खतरे ला रहा है. यह ऐसा क्षेत्र है जिसे अब तक अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जाता रहा है. उन्होंने कहा, ‘घातक से गैर-घातक और छोटे ड्रोन से लेकर हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइलों तक खतरा फैल गया है. इसे भी पढ़ें :  कांग्रेस">https://lagatar.in/congress-attacked-modi-government-20000-indians-trapped-in-ukraine-should-stay-where-they-are-because-the-government-is-busy-fighting-elections-right-now/">कांग्रेस

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यूक्रेन संकट के बीच भारत की अपनी चिंता है

यूक्रेन संकट के बीच भारत की अपनी चिंता है क्योंकि वह सऊदी अरब के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियारों का आयातक देश है. ऐसे में हथियारों की जरूरत ज्यादा महसूस की जा रही है. एक अधिकारी ने कहा, कुछ उपाय करने की बजाय भारत को अब सैन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए आत्मनिर्भर बनना ही होगा. इसके साथ-साथ स्पेस, साइबरस्पेस और स्पेशल ऑपरेशन की तैयारी रखनी होगी.` उन्होंने कहा कि विषम परिस्थिति से निपटने के लिए मजबूत न्यूक्लियर डेटरेंस भी जरूरी है. [wpse_comments_template]

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