NewDelhi : खबर है कि चीनी सेना (पीएलए) ने हाल में तिब्बत में हिमालय की चोटियों पर कब्जा करने का बड़ा अभ्यास किया है. अभ्यास में चीनी सेना की 10 से ज्यादा लड़ाकू टुकड़ियों ने शत्रु (भारत) के कब्जे वाली हिमालय की एक चोटी फिर से कब्जा करने का बड़ा अभ्यास किया. चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी सेना के इस अभ्यास का मकसद भारत को चेतावनी देना था. बता दें कि इससे पहले भारत ने लद्दाख विवाद के दौरान चीनी सेना को चौकाते हुए कैलाश रेंज की चोटियों पर कब्जा कर लिया था.
माना जा रहा है कि इसी का जवाब देने के लिए चीनी सेना ने तिब्बत में चोटियों पर फिर से कब्जा करने का अभ्यास किया है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार भारत से लगी सीमा को देखने वाले पश्चिमी थिएटर कमांड ने अपनी सेना की ब्रिगेडों को दो टीमों में बांट कर एक का नाम पीएलए और दूसरे का नाम ब्लू आर्मी दिया था.
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पीएलए ने चोटी पर तोपखाने से की भारी गोलाबारी
रिपोर्ट के अनुसार दो दिन और एक रात तक चले अभ्यास के क्रम में पीएलए ने चोटी पर तोपखाने से भारी गोलाबारी की और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हमले किये. इस जासूसी भी की गयी. खबर है कि 12 सदस्यीय एक दल ने 6100 मीटर की ऊंचाई तक का चढ़ाई चढ़ी, ताकि हमले के लिए सही-सही डेटा जमा किया जा सके. इस दौरान ब्लू आर्मी का डेटा जमा करने के बाद उसे तत्काल कमांड सेंटर को भेजा गया.
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चीनी तोपों ने ड्रिल के दौरान एक ड्रोन एयरक्राफ्ट को मार गिराने का अभ्यास किया. इस दौरान ड्रोन को भ्रमित करने के लिए इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हथियार का इस्तेमाल किया गया. पीएलए ने अपने दुश्मन को मार गिराने के लिए ड्रोन विमान भेजे और उन्होंने बम गिराये. कई घंटे तक गोलाबारी, हथियारबंद हेलिकॉप्टर से हमले, स्नाइपर के इस्तेमाल से 4800 मीटर की ऊंचाई पर दुश्मन से हिमालय की चोटी को छीन लिया गया.
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तिब्बत के माउंटेन ब्रिगेड ने भारत को चेतावनी दी
मकाऊ स्थित एक चीनी विशेषज्ञ की मानें तो यह तिब्बत के सैनिकों की तैयारी को दिखाता है. एक अन्य चीनी विशेषज्ञ झोउ चेनमिंग के अनुसार यहां ब्लू आर्मी से मतलब भारतीय सेना से था. उन्होंने कहा कि इस वीडियो का मकसद तिब्बत के माउंटेन ब्रिगेड का भारतीय पक्ष को चेतावनी देना था. उन्होंने कहा कि चीनी सेना की बाइयूनशान रेजिमेंट युद्ध के लिए पूरी तरह से रेडी है.