कैलेंडर 2021: जानें टैक्स से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण तारीखें
NCRTC ने क्या कहा
चीनी कंपनी को ठेका दिये जाने की पुष्टि परिवहन निगम NCRTC ने की है. NCTRC ने कहा कि सभी प्रक्रियाओं और दिशा निर्देशों का पालन करते हुए चीनी कंपनी को ठेका दिया गया है. निगम ने बताया कि इस कार्य के लिये कई कंपनियां फनडिंग कर रही है. इस तरह के ठेके लिये कई स्तरों पर मंजूरी लेनी पड़ती है. NCTRC के प्रवक्ता ने बताया कि 82 किमी लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के सभी कार्य के लिये ठेका दे दिया गया है. निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है. साल 2025 तक कार्य को पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. इस कार्य के पूरा होते ही दिल्ली और मेरठ के बीच की मिनटों में तय की जा सकती है. इसे भी पढ़ें:शिक्षा">https://lagatar.in/education-minister-jagarnath-mahatos-health-improved-happy-new-year-to-the-people/14997/">शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो की सेहत में सुधार, राज्यवासियों को दी नववर्ष की शुभकामना
बोली में शामिल हुई कई कंपनियां
इस प्रोजेक्ट को लेकर 12 जून 2020 को बोली लगायी गयी थी. इस बिडिंग में चीन की शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड ने सबसे कम अमाउंट की बोली लगायी थी. इस पूरे प्रोजेक्ट का मैनेजमेंट NCRTC द्वारा किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के लिये 5 कंपनियों ने बोली लगायी थी. चीनी कंपनियों ने सबसे कम 1126 करोड़ रुपये की बोली लगायी थी. भारतीय कंपनी लार्सन एंड टूब्रो ने 1170 करोड़ रुपये की बोली लगायी थी. टाटा प्रोजेक्ट और जेवी कंपनी ने 1346 करोड़ की बोली लगायी थी. इसे भी पढ़ें:नया">https://lagatar.in/jammu-and-kashmir-100-meters-long-tunnel-found-near-army-camp-iron-rod-found/14986/">नयासाल, नया घोटाला ! 3269 करोड़ और राष्ट्रवाद