New Delhi: बिहार की राजनीति में राम विलास पासवान की खड़ी गई पार्टी लोजपा में हक की लड़ाई नये मोड़ पर पहुंच गई है. लोजपा की लड़ाई अब चुनाव आयोग पहुंच चुकी है. इस बीच, चिराग गुट ने आज नई दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई. बैठक की शुरुआत में ही चिराग पासवान ने सभी सदस्यों को पार्टी संविधान की शपथ दिलाई. पार्टी नेताओं को शपथ इस बात की दिलाई गई कि, पार्टी को हर हाल में सुरक्षित रखेंगे. रविवार को दिल्ली में चिराग पासवान ने अपने घर पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई. जिसमें चाचा पशपुति पारस को पार्टी का सिंबल और नाम नहीं इस्तेमाल करने की चुनौती दी ह. चिराग और उनके समर्थकों ने दावा किया कि 12 राज्य कमेटियों के अध्यक्ष समेत राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 90 फीसद लोग उनके साथ हैं. चिराग ने एलान किया कि अपने पिता की कर्मभूमि और चाचा पशुपति कुमार पारस के संसदीय क्षेत्र हाजीपुर से वे पांच जुलाई को आशीर्वाद यात्रा शुरू करेंगे. यह उनके पिता का जयंती भी है.
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कार्यकारिणी की बैठक में फैसलों पर मुहर
लोजपा में चिराग गुट की ओर से बताया गया कि, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई. सभी सदस्यों ने चिराग को ही राष्ट्रीय अध्यक्ष मानने की बात कही. इसके अलावा पारस गुट की ओर से असली लोजपा होने के दावे की निंदा की गई. राम विलास पासवान को भारत रत्न देने की मांग की गई. साथ ही कोरोना की तीसरी लहर के प्रति लोगों को जागरूक करने और बाढ़ पीडि़तों की मदद करने का भी फैसला लिया गया है.
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पशुपति के दावे को चिराग ने बताया गलत
चिराग पासवान ने दिल्ली स्थित अपने आवास पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित कर दावा किया कि, उनके चाचा पारस की ओर से किए गए दावे पूरी तरह गलत और निराधार हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी का बहुमत उनके साथ है, और वे अभी भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संसदीय बोर्ड के चेयरमैन बने हुए हैं. चिराग ने इस मसले पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से मिलकर भी शनिवार की शाम अपनी बात रखी थी. अब उनकी पार्टी चुनाव आयोग से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाने की तैयारी में है.
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‘चिराग को कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का अधिकार नहीं’
इससे पहले लोजपा के पारस गुट ने शनिवार को नया दांव चलते हुए लोजपा के राष्ट्रीय एवं प्रदेश के विभिन्न प्रकोष्ठों की कमेटियों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया था. पशुपति कुमार पारस ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय, प्रदेश एवं विभिन्न प्रकोष्ठों की कमेटियों की घोषणा जल्द की जाएगी. चिराग गुट द्वारा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाए जाने पर पारस ने कहा कि, चिराग को यह बैठक बुलाने का अधिकार नहीं है. पार्टी संविधान के मुताबिक वे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. फिलहाल पार्टी की सोलह सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी गठित कर दी गई है. एक सवाल पर उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग को कार्यकारिणी के सदस्यों की सूची अभी इसलिए नहीं सौंपी है कि, नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी से पहले इसकी मंजूरी ली जाएगी.
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पारस गुट की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल चेहरे
पारस गुट की ओर से गठित राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सांसद चौधरी महबूब अली कैसर, सांसद वीणा देवी, पूर्व सांसद वीणा सिंह, पूर्व विधायक सुनीता शर्मा तथा अनिल चौधरी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, सांसद चंदन सिंह एवं प्रिंस राज, पूर्व विधायक विरेश्वर सिंह, डॉ. उषा शर्मा, राकेश चौधरी, रणवीर सिंह गुठा, रामजी सिंह और राज कुमार राज को महासचिव, हीरा प्रसाद मिश्रा को सचिव, संजय सर्राफ को राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं महासचिव, विनोद नागर को राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एवं प्रवक्ता नियुक्त किया गया है.
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‘कार्यकारिणी में चिराग के साथ बहुमत’
लोजपा (चिराग गुट) की बैठक में रविवार को यह तय हो गया है कि कार्यकारिणी में बहुमत किसके साथ है. प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने दिल्ली से दूरभाष पर दावा किया कि कार्यकारिणी सदस्य चिराग के साथ हैं. पारस गुट द्वारा राष्ट्रीय एवं प्रदेश की कार्यकारिणी और विभिन्न प्रकोष्ठों को भंग किए जाने के सवाल पर कहा कि यह हास्यास्पद है. पार्टी से निष्कासित पशुपति कुमार पारस को अधिकार नहीं है कि, वे कार्यकारिणी या प्रकोष्ठों को भंग करें.
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मंगलवार तक बिहार आ सकते चिराग
ऐसी चर्चा है कि चिराग पासवान मंगलवार या इसके बाद कभी भी बिहार आ सकते हैं। उनकी टीम इसके लिए योजना बनाने में जुटी है। बिहार आने के बाद वे संघर्ष यात्रा के जरिये अपने चाचा पशुपति पारस की सच्चाई जनता के सामने रखेंगे। उनकी अध्यक्षता में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान बिहार में राम विलास पासवान की बड़ी प्रतिमा लगाने और उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की गई है.
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