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22 मार्च को दोषी करार दिया गया था
बता दें कि 8 मार्च को रांची सिविल कोर्ट के अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट में इस केस से जुड़े सभी बिंदुओं पर सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने 22 मार्च को योगेन्द्र साव को दोषी करार दे दिया था. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने योगेंद्र साव के ऊपर लगे आरोपों को साबित करने के लिए 20 गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज करवाये हैं. जबकि आरोपी योगेंद्र साव, निर्मला देवी और अंकित राज की ओर से 7 गवाह प्रस्तुत किये गए है. योगेंद्र साव पर आईपीसी की धारा 307 समेत अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इसे भी पढ़ें - पेयजल">https://lagatar.in/drinking-water-and-sanitation-department-issued-helpline-number-for-repair-of-closed-hand-pumps/">पेयजलएवं स्वच्छता विभाग ने बंद पड़े चापाकलों की मरम्मत के लिए जारी किया हेल्पलाइन नंबर
कफन सत्याग्रह आंदोलन के दौरान पुलिस पर हुआ था हमला
बता दें कि 2016 को चिरूडीह खनन के रास्ते पर योगेंद्र साव सहित कई लोग कफन सत्याग्रह आंदोलन चलाया जा रहा था. एनटीपीसी के खनन क्षेत्र के दोनों मार्ग अवरूद्ध हो गए थे. विधि-व्यवस्था को ठीक करने के लिए निर्मला देवी को बड़कागांव के मामले में गिरफ्तार किया गया. लेकिन उनके समर्थकों ने पुलिस बल पर जानलेवा हमला करते हुए उन्हें छुड़ा ले गए. जिसमें कई अधिकारी गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे. इसे भी पढ़ें - 23">https://lagatar.in/procurement-of-71-33-percent-paddy-till-march-23-payment-of-373-96-crores-to-the-farmers-rameshwar-oraon/">23मार्च तक 71.33 फीसदी धान की अधिप्राप्ति, किसानों के हो चुका 373.96 करोड का भुगतान – रामेश्वर उरांव [wpdiscuz-feedback id="sdxrhgcbwm" question="Please leave a feedback on this" opened="1"][/wpdiscuz-feedback]

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