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चाईबासा में ईसाई समुदाय ने चर्च में प्रेम, दया और शांति का संदेश देकर मनाया क्रिसमस

Chaibasa : रोमन कैथोलिक चर्च में मानव को प्रेम, दया और शांति का संदेश देने वाले ईसा के जन्मदिन क्रिसमस को लेकर शनिवार को प्रार्थना सभा हुई. क्रिसमस की सुबह पल्ली पुरोहित फादर निकोलस केरकेट्टा और फादर सहाय थासन ने मिस्सा पूजा की. पुरोहित द्वय ने बाइबल पाठ करते हुए ईसा मसीह की जीवनी पर प्रकाश डाला. पल्ली पुरोहित फादर निकोलस केरकेट्टा ने अपने संदेश में कहा कि ईसा मसीह हमें अपने जीवन में प्रेम, दया और शांति का स्थान सर्वोपरि रखें. इससे हमारे जीवन में कभी मुश्किलें नहीं आएंगी. चूंकि हर मुश्किल काम प्रेम के बल पर आसान हो जाता है. दया हमें नफरत जैसी दुर्गुण से दूर रखता है और शांति हमें अच्छे काम के लिए प्रेरित करती है. लिहाजा हमें ईसा के चरित्र को अपने जीवन में आत्मसात करना नितांत आवश्यक है. फादर सहाय थासन ने कहा कि खुशियां हर मानव के चेहरे पर बनी रहे. उन्होंने कहा कि हम महान आदर्श ईसा के जीवन को आधार मानकर खुश रहें और आपस में खुशियां बांटें, यही जीवन का सार है. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/12/CHAIBASA-CRISMAS-11-300x131.jpg"

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प्रार्थना सभा में ईसाई परिवार ने अपने घरों में बने पकवान दान किए. सभी ने पावन परम प्रसाद ग्रहण कर प्रेम, दया और शांति के सान्निध्य में रहकर पूरे मानव समाज की सलामती के लिए प्रार्थना की. प्रार्थना सभा में संत अन्ना कॉन्वेंट के सिस्टरों ने सिस्टर नीलिमा केरकेट्टा के नेतृत्व में हारमोनियम की धुन के साथ यीशु राजा जन्मा है, प्रेम का संदेश लाया है. भक्ति गीत गाकर वातावरण को भक्तिमय बनाया. प्रार्थना सभा के बाद ईसाई परिवार के सभी महिला -पुरुष, युवा व बच्चे -बच्चियों ने केक का सेवन किया. एक-दूसरे को क्रिसमस की बधाई और शुभकामनाएं दीं. चर्च में ईसा के जन्म स्थली का प्रतीक चरनी के सामने तस्वीरें खिंचवाई और एक-दूसरे की कुशलता की कामना की. क्रिसमस प्रार्थना सभा में काथलिक सभा के अध्यक्ष आशीष बिरुवा, ब्रदर अनिल, सिस्टर बलमदीना, जेम्स गागराई, सचिन सुंडी, नवनीत बागे, थॉमस सुंडी, सामुएल देवगम, एंथोनी मिंज, बिरेंद्र कुजूर, जोसेफ तोपनो, मधुसुदन बानरा, भगवान तोपनो, जुलियाना देवगम, दीपिका देवगम, कल्पना देवगम, लुसी बिरुवा, सुरालेन तोपनो, सिरिल सुम्बरुई, मार्शल सुंडी समेत काफी संख्या में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के ईसाई परिवारों के महिला-पुरुष, युवाओं और बच्चे-बच्चियां शामिल हुए. [wpse_comments_template]

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