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नशे का कारोबार, सिरप की 26 हजार बोतलें, CID और लीपापोती

Lagatar Desk :   धनबाद के बरवाअड्डा थाना क्षेत्र के भोलाटांड़ पानी टंकी के पास एक गोदाम में पुलिस ने छापमारी की. छापेमारी में गोदाम से पुलिस ने फेंसेड्रिल कफ सिरप की 26 हजार बोतलें बरामद की, जिसकी कीमत करीब 56 लाख रुपये थी. 


शुरुआत में पुलिस ने गोदाम के मालिक मेमको मोड़ निवासी उपेंद्र सिंह और वाराणसी काशीपुर के उमेश कुमार को आरोपी बनाया था. बाद में पता चला कि इस नशे के कारोबार में रांची के तुपुदाना का कारोबारी शामिल है. धनबाद पुलिस ने यह छापेमारी गुजरात पुलिस की सूचना पर की थी. 

 

दरअसल, गुजरात पुलिस ने बड़ी मात्रा में  फेंसेड्रिल कफ सिरप बरामद की थी, जिसका इस्तेमाल नशे के रुप में किया जाता है. गुजरात पुलिस को यह पता चला था कि कफ सिरप सप्लाई का सिंडिकेट झारखंड से संचालित हो रहा है. इसके बाद गुजरात पुलिस ने मामले की जानकारी धनबाद पुलिस को दी. धनबाद पुलिस ने जब छापेमारी की तो 26 हजार बोतल फेंसेड्रिल कफ सिरप जब्त किया गया. 


झारखंड पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर लगातार नशे के खिलाफ अभियान चलाने की बात कही जाती रही है. प्रचार-प्रसार किया जाता है. शायद यही कारण था कि मामले की गंभीरता को देखते हुए अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) ने जून 2024 के अंतिम सप्ताह में मामले की जांच को अपने जिम्मे ले लिया.

 

सीआईडी ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरु की. लेकिन 18 माह बीतने के बाद भी जांच पूरी हुई या नहीं यह तो नहीं पता चल सका है लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है.  इसकी वजह समझ से परे है.

 

इस केस का सुपरविजन सीआईडी के एएसपी दीपक ने की है. कुछ आरोपियों के प्रति नरमी भी बरती गई है. इसकी वजह सरकारी वेतन पर ड्यूटी के लिए नियुक्त, लेकिन बड़े साहेब का चाकिरी करने वाले त्रिमुर्ती बताये जा रहे हैं. दीपक में घी डाल कर गणेश परिक्रमा पूरी करने वाले कारोबारी को कुछ छूट मिली है. अफसरों ने बस रबर स्टांप की भूमिका निभायी है. 

 


जानकारी के मुताबिक, मामले की जांच के दौरान धनबाद पुलिस को यह पता चला था कि फेंसेड्रिल कफ सिरप की सप्लाई का सरगना का रांची में गोदाम है. यह गोदाम राजधानी रांची के तुपुदाना थाना क्षेत्र में है. हिमाचल प्रदेश से कफ सिरप लाकर तुपुदाना से ही झारखंड के विभिन्न जिलों समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई की जाती है. इस कंपनी और कंपनी के मालिकों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. कहीं ऐसा तो नहीं कि गणेश परिक्रमा के बदले इस मामले की लीपापोती कर दी गई?

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