Ranchi : बहुचर्चित मोमेंटम झारखंड में वित्तीय अनियमितता के आरोपों की जांच की जिम्मेदारी अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) को दी गई है. इस मामले की जांच को लेकर सीआईडी ने तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है. सीआईडी आईजी असीम विक्रांत मिंज ने बताया कि इस मामले की जांच करने के लिए टीम का गठन किया गया है मामले की जांच की जा रही है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सहमति के बाद गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने इससे संबंधित आदेश बीते 30 जुलाई को जारी कर दिया था. आदेश की कॉपी उद्योग विभाग के प्रधान सचिव व डीजीपी को भी भेजी गई थी. आदेश में सीआइडी को मोमेंटम झारखंड-ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2017 के दौरान हुए व्यय की जांच गहनता से करने को कहा गया था. पढ़ें – पेगासस जासूसी मामला : सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई , 29 फोन में से 5 में मैलवेयर, लेकिन जासूसी के सबूत नहीं, जांच रिपोर्ट में सामने आया
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वर्ष 2017 में हुआ था मोमेंटम झारखंड
मोमेंटम झारखंड का आयोजन वर्ष 2017 में हुआ था. आरोप है कि इसमें जिन 11 कंपनियों के साथ करार हुआ था, उसका गठन आयोजन से कुछ माह पहले ही हुआ था. इससे यह स्पष्ट है कि सिर्फ मोमेंटम झारखंड का लाभ लेने के उद्देश्य से ही इन कंपनियों का गठन हुआ. मोमेंटम झारखंड के दौरान कुल 238 एमओयू हुए थे, इनमें से 13 एमओयू विदेशी कंपनियों, 74 झारखंड की कंपनियों और शेष अन्य राज्यों की कंपनियों से हुए थे. केवल 25 एमओयू में 22 कंपनियों को 350 एकड़ जमीन आवंटित की गई.
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पहले एसीबी में हुई थी शिकायत, 100 करोड़ के घोटाले का आरोप
पूर्व में एक आरटीआइ कार्यकर्ता ने जनवरी 2020 में शिकायत की थी कि पूर्व की सरकार में मोमेंटम झारखंड की शुरुआती बजट को बढ़ाया गया था. शुरुआत में इसका बजट केवल 8.5 करोड़ रुपये था, जिसे बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये कर दिया गया था. निवेशकों को बुलाने के नाम पर लंदन, जर्मनी, कनाडा और अमेरिका आदि में रोड शो आयोजित किया गया था. इसके नाम पर तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के बेटे व अन्य लोगों ने सैर-सपाटे भी किये.
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