New Delhi : केंद्र सरकार ने भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) जस्टिस उदय उमेश ललित को पत्र लिखकर उनसे अपना उत्तराधिकारी नामित करने को कहा है. सूत्रों ने बताया कि यह पत्र शुक्रवार सुबह ही भेजा गया है. न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित 8 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ सीजीआई के बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और इस पद के प्रमुख दावेदार हैं. प्रधान न्यायाधीश अपने उत्तराधिकारी के रूप में वरिष्ठतम न्यायाधीश को नामित करते हैं. इस परंपरा के अनुसार, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ देश के 50वें प्रधान न्यायाधीश हो सकते हैं.
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कार्यकाल 74 दिन का ही है
प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित का कार्यकाल 74 दिन का ही है. विधि एवं न्याय मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘‘भारत के प्रधान न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित ज्ञापन प्रक्रिया (एमओपी) के तहत आज माननीय विधि एवं न्याय मंत्री ने माननीय प्रधान न्यायाधीश को एक पत्र भेजकर उनसे अपने उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए सिफरिशें भेजने को कहा है.’’ मंत्रालय ने शायद पहली बार इस संबंध में ट्वीट करके जानकारी दी है. उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया से संबंधित ज्ञापन प्रक्रिया (एमओपी) के तहत निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश कानून मंत्रालय से पत्र पाने के बाद अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश की प्रक्रिया शुरू करते हैं.
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ सीजीआई के प्रमुख दावेदार
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ सीजीआई के बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश और इस पद के प्रमुख दावेदार हैं. प्रधान न्यायाधीश अपने उत्तराधिकारी के रूप में वरिष्ठतम न्यायाधीश को नामित करते हैं. इस परंपरा के मुताबिक, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ देश के 50वें प्रधान न्यायाधीश हो सकते हैं और वह नौ नवंबर को सीजेआई पद की शपथ ग्रहण कर सकते हैं. अगर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ अगले सीजेआई बनते हैं, तो उनका कार्यकाल दो साल का होगा. वह 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त होंगे. उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु में और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट में आने से पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे. 2016 में उन्हें प्रमोट कर सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था. उससे पहले जस्टिस चंद्रचूड़ 2000 से 2013 तक बॉम्बे हाई कोर्ट में जज रह चुके हैं.
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