Ranchi : गेतलसूद डैम में फ्लोटिंग सोलर संयंत्र लगाने और निजी स्कूलों के बच्चों को 425 रुपये देने पर सीएम हेमंत सोरेन की मिली मंजूरी. राज्य में अवस्थित जलाशयों पर फ्लोटिंग सोलर संयंत्र लगाया जाना है. इसके तहत पहले चरण में रांची के गेतलसूद जलाशय में 100 मेगावाट क्षमता का फ्लोटिंग सोलर संयंत्र लगाने संबंधी ऊर्जा विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने स्वीकृति दे दी है. जलाशयों पर फ्लोटिंग सोलर संयंत्र के अधिष्ठापित होने से विद्युत ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित होने के साथ जल संरक्षण में भी मदद मिलेगी.
वहीं अपने एक दूसरे निर्णय में सीएम ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में ज्ञानोदय योजना (प्राथमिक शिक्षा) अंतर्गत गैर सहायता प्राप्त निजी विद्यालयों में प्रारंभिक कक्षा के रूप में पूर्व प्राथमिक कक्षा में आरक्षित सीटों पर नामांकित कमजोर एवं अभिवंचित वर्ग के बच्चों के शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए 6 करोड़ रुपये के भुगतान के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी है.
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सतत और समावेशी विकास के साथ पर्यावरण प्रबंधन पर फोकस
सतत एवं समावेशी विकास के साथ साथ पर्यावरण प्रबंध को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय सोलर मिशन 2010 शुरू किया गया है.
इसके तहत केंद्र सरकार के द्वारा 175 गीगावाट (1000 मेगावाट) नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को वर्ष 2022 तक विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें 100 गीगावाट सोलर पावर से उत्पादन करने का लक्ष्य है. इस सिलसिले में सोलर पार्क, अल्ट्रामेगा सोलर पावर प्रोजेक्ट, ग्रिड कनेक्टेड सोलर पीपी पावर प्रोजेक्ट और फ्लोटिंग सोलर संयंत्र जैसी कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है.
नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत से बिजली उत्पादन को दिया जा रहा बढ़ावा
झारखंड में भी नवीकरणीय ऊर्जा से विद्युत उत्पादन को बढ़ावा देने का कार्य कई परियोजनाओं के माध्यम से किया जा रहा है. इस कड़ी में बढ़ती विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता को पर्यावरण प्रबंधन के साथ पूरा करने के लिए जलाशयों पर फ्लोटिंग सोलर संयंत्र का अधिष्ठापन कर विद्युत ऊर्जा उत्पादन करने के लिए ज्रेडा और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किए गए व्यवहार्यता प्रतिवेदन (फिजिबिलिटी रिपोर्ट) के आलोक में गेतलसूद जलाशय में फ्लोटिंग सोलर संयंत्र स्थापित किया जा रहा है.
हजारों बच्चे होंगे लाभान्वित
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम, 2009 के तहत निजी विद्यालयों में प्रवेश कक्षा के 25 प्रतिशत सीटों पर नामांकित एवं अध्ययनरत कमजोर और अभिवंचित वर्ग के 11764 छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा. ऐसे बच्चों के शिक्षण पर होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति अधिकतम 425 रुपये प्रति बच्चे की दर से राज्य सरकार द्वारा की जाएगी.
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