Ranchi : मुख्यमंंत्री हेमंत सोरेन ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के 700 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति दे दी है. इस राशि के जारी होने से राज्य के उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में स्वीकृत पदों के विरुद्ध कार्यरत शिक्षक तथा शिक्षकेत्तर कर्मियों राहत मिलेगी. राशि जारी होने के बाद कर्मियों को समय पर वेतन का भुगतान हो पाएगा. झारखंड कर्मचारी चयन आय़ोग की विज्ञप्ति संख्या -21 / 2016 के आलोक में इन विद्यालयों में चयनित एवं नियुक्त स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के वेतनादि के भुगतान के लिए 700 करोड़ रुपये की जरूरत है. इस राशि से संबंधित प्रस्ताव तैयार कर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने मुख्यमंत्री के समक्ष भेजा था.
मुख्यमंत्री ने राज्य के सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालय में सृजित पदों के विरुद्ध वैध तरीके से नियुक्त और कार्यरत शिक्षक तथा शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतनादि के लिए 1 अरब 91 करोड़ 41लाख 86 हजार सहायता अनुदान की स्वीकृति प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया है. यह राशि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आवंटित की गई है.
मदरसों के लिए भी राशि को मिली मंजूरी
मुख्यमंत्री ने राज्य के अराजकीय सहायता प्राप्त प्रस्वीकृत संस्कृत विद्यालयों (उच्च, प्राथमिक सह मध्य और प्राथमिक स्तर के) के शिक्षकों तथा शिक्षकेत्तर कर्मियों के स्थापना व्यय के लिए 5 करोड़ 10 लाख 26 हजार रुपए सहायता अनुदान की राशि को भी मंजूरी दी है. इसके अलावा अराजकीय प्रस्वीकृत मदरसों के शिक्षकों तथा शिक्षकेत्तर कर्मियों के स्थापना व्यय के लिए सहायता अनुदान के लिए 58 करोड़ 85 लाख 20 हजार रुपए के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने अनुमोदन प्रदान कर दिया है. यह राशि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए है.
सीएम द्वारा प्रस्ताव स्वीकृत किए जाने के बाद राज्य के 183 अराजकीय प्रस्वीकृति प्राप्त (वित्त सहित) मदरसों के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के अनुदान का रास्ता साफ हो गया है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसे लेकर प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा था. इन मदरसों को अनुदान का मामला पिछले कई माह से लटका हुआ था. कई मदरसों का अनुदान आवश्यक शर्ते और अर्हता पूरी नहीं करने के आधार पर बंद कर दिया गया था. अनुदान से वंचित मदरसा लगातार अनुदान की मांग कर रहे थे.