Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता रहने या नहीं रहने को लेकर केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने राज्यपाल रमेश बैस को भेज दिया है. अब जल्द ही राजभवन इस बारे में फैसला जारी करेगा. इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झामुमो के द्वारा ‘सीएम हेमंत हमारा अभिमान’ हैशटैग चलाया जा रहा है. इसके साथ ही झामुमो ने पूछा है कि, क्या चुनाव आयोग का नाम बदलकर भाजपा आयोग कर देना चाहिए?
अपने ऑफिसियल ट्वीटर हैंडल पर झामुमो ने लिखा है कि क्या संवैधानिक संस्थाओं ने अपने आप को बिका दिया है? चुनाव आयोग के सीलबंद लिफाफे के अंदर की जानकारी क्या है, यह भाजपा सांसद, इनके नेताओं और गोदी मीडिया के तथाकथित पत्रकारों को कैसे पता चला?
क्या संवैधानिक संस्थाओं ने अपने आप को बिका दिया है? चुनाव आयोग के सीलबंद लिफाफे के अंदर की जानकारी क्या है, यह @BJP4India सांसद, इनके नेताओं और गोदी मीडिया के तथाकथित पत्रकारों को कैसे पता चला?
क्या चुनाव आयोग का नाम बदलकर भाजपा आयोग कर देना चाहिए?#सीएम_हेमन्त_हमारा_अभिमान
— Jharkhand Mukti Morcha (@JmmJharkhand) August 25, 2022
झामुमो ने लिखा है कि जनता के दरवाजे में भाजपा के निर्लज नेता झारखंड के आदिवासी पुत्र और झारखंडी सरकार से बार-बार हारते चले गए. इनसे कुछ न बन सका तो यह संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करने पर उतारू हो गए. मगर यह भी झारखंड है. शोषण का जवाब देना हम जानते हैं.
जनता के दरवाजे में @BJP4Jharkhand के निर्लज नेता झारखण्ड के आदिवासी पुत्र और झारखण्डी सरकार से बार-बार हारते चले गए।
इनसे कुछ न बन सका तो यह संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करने पर उतारू हो गए।
मगर यह भी झारखण्ड है। शोषण का जवाब देना हम जानते हैं। #सीएम_हेमन्त_हमारा_अभिमान
— Jharkhand Mukti Morcha (@JmmJharkhand) August 25, 2022