Ranchi : सीएम हेमंत सोरेन आज गुरुवार को ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए पेश नहीं होंगे. सीएम कोर्ट की शरण में जा सकते हैं. हालांकि सीएम के आने को लेकर ईडी और रांची पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये थे. ईडी दफ्तर के आसपाससीआरपीएफ और झारखंड पुलिस के जवानों की तैनाती की गयी थी. वहीं एयरपोर्ट रोड भी पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था. (पढ़ें, कोडरमा : रेलवे बाउंड्री के पास व्यक्ति का शव बरामद, शिनाख्त में जुटी पुलिस)
ईडी ने सीएम को भेजा था दूसरा समन
गौरतलब है कि सीएम हेमंत सोरेन को बीते 19 अगस्त को ईडी ने दूसरा समन भेजकर 24 अगस्त को ईडी के रांची जोनल ऑफिस में पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा था. सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी सीएम से उनके और उनके परिवार की संपत्तियों के बारे में भी पूछताछ करेंगे. इससे पहले आठ अगस्त को भी ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन को समन भेजकर 14 अगस्त को उपस्थित होने को कहा था. लेकिन वो ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे. उन्होंने ईडी को पत्र लिखकर कहा थाः समन वापस ले, मैं कानूनी सलाह ले रहा हूं. कानूनी प्रक्रिया के तहत ईडी से निपटेंगे. सीएम ने लिखाः आपका (ईडी) इस मामले में किया गया समन गैर कानूनी है. वे कानूनी सलाह लेकर ही आगे बढ़ेंगे.
आरसी 25/23 केस ईसीआईआर में किया है समन
बता दें कि ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन को आरसी – 25/23 (ईसीआईआर) में समन किया है. इससे पहले 17 नवंबर 2022 को ईडी ने अवैध खनन मामले में सीएम हेमंत सोरेन से करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी. इस दौरान ईडी ने उनसे पत्थर खनन से जुड़े कई सवाल किये थे. साथ ही हेमंत सोरेन से संपत्ति की पूरी जानकारी मांगी थी. उस वक्त सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी को एक खुली चिट्ठी लिखकर चुनौती दी थी.
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रिपोर्ट के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की
ईडी ने जमीन घोटाले की जांच दक्षिणी छोटानागपुर के तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट के आधार पर शुरू की थी. सेना के कब्जे वाली जमीन मामले की जांच कर आयुक्त ने रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी. जांच रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख था कि फर्जी नाम-पता के आधार पर सेना की जमीन की खरीद-बिक्री हुई है. रांची नगर निगम ने मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी थी. ईडी ने उसी प्राथमिकी को ईसीआईआर के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की थी.
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नवंबर 2022 में पहली बार ईडी ने छापेमारी की थी
जमीन घोटाले मामले की जब जांच शुरू हुई तो सबसे पहला छापा नवंबर 2022 में व्यापारी विष्णु अग्रवाल और अमित अग्रवाल के ठिकानों पर पड़ा था. दूसरी बार 13 अप्रैल को ईडी ने रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, बड़गाईं अंचल के अंचलाधिकारी मनोज कुमार, कर्मचारी भानु प्रताप समेत जमीन के कारोबार से जुड़े लोगों के 21 ठिकानों पर छापेमारी की थी. ईडी ने छापेमारी में कई अहम सबूत मिलने का दावा किया था. वहीं छापेमारी के दौरान सरकारी दस्तावेज घर में रखने के आरोप में ईडी ने कर्मचारी भानु प्रताप सहित सात जमीन कारोबारियों को गिरफ्तार किया था. सभी अभियुक्तों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की गयी तो ईडी को जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ करने में शामिल अन्य लोगों की जानकारी मिली. जिसके बाद ईडी ने रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, कारोबारी अमित अग्रवाल, विष्णु अग्रवाल, दिलीप घोष, प्रदीप बागची समेत कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया. इस मामले में ईडी ने 24 अप्रैल को मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थापित पीपीएस उदय शंकर के ठिकानों पर भी छापा मारा था. ईडी को जानकारी मिली थी कि जमीन कारोबारियों को प्रशासनिक मदद पहुंचाने की कोशिश इसी जगह से होती थी.