Kolkata : खबर है कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ेंगी. भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र से टीएमसी के विधायक और कृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने ममता बनर्जी के लिए यह सीट खाली दी. बता दें कि शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है, ताकि इस सीट से ममता बनर्जी चुनाव लड़ सकें. सूत्रों के अनुसार शोभनदेव चट्टोपाध्याय को राज्यसभा भेजा जा सकता है.
उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए विधानसभा स्पीकर विमान बनर्जी ने कहा, ‘मैंने शोभनदेव चटर्जी से पूछा कि कहीं उन्होंने दबाव में तो इस्तीफा नहीं दिया. मैं उनके जवाब से संतुष्ट हूं और उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है. नियमों के अनुसार ममता बनर्जी को विधानसभा चुनावों के छह महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना होगा.
बता दें कि शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने भवानीपुर में भाजपा उम्मीदवार रूद्रनील घोष को 50 हजार से अधिक वोटों से हराया था. मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि वह अपनी इच्छा से ही भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक पद से इस्तीफा दे रहे हैं.
नंदीग्राम में शुभेंदु से 1956 वोटों से हारी थीं ममता
ममता बनर्जी ने इस बार नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन चुनाव में हैट्रिक जीत और 213 सीटों पर जीत हासिल करने के बावजूद नंदीग्राम में भाजपा नेता और पूर्व सिपहसलार शुभेंदु अधिकारी से 1956 वोटों से पराजित हो गयीं
2011 में ममता ने पहली बार भवानीपुर से लड़ा था चुनाव
साल 2011 में टीएमसी के सत्ता में आने के समय ममता बनर्जी विधानसभा की सदस्य नहीं थी. उन्होंने पहली बार 2011 में यहां से उप चुनाव लड़ा था और विजयी रही थीं. 2011 के चुनाव में उनकी पार्टी के सुब्रत बख्शी जीते थे, लेकिन बाद में उन्होंने ममता बनर्जी के लिए ये सीट खाली कर दी थी. ममता ने सीपीएम की नंदिनी मुखर्जी को 95,000 वोटों के अंतर से हराया. भाजपा तीसरे नंबर पर रही थी.
2016 में भी ममता बनर्जी ने भवानीपुर से जीत दर्ज की
इसके बाद 2016 के विधान सभा चुनाव में भी ममता बनर्जी ने भवानीपुर से जीत दर्ज की. इस बार उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता दीपा दासमुंशी को हराया लेकिन 2011 के मुकाबले ममता को 29.79 फीसदी कम वोट मिले. ममता बनर्जी का जीत का अंतर भी मात्र 25, 301 वोट तक सिमट गया. कांग्रेस प्रत्याशी दीपा को 40,219 वोट मिले जबकि दीदी को 65,520 वोट मिले. इस साल भी भाजपा तीसरे नंबर पर थी.