तिर्की मौत मामला: CBI की टीम फिर पहुंची साहिबगंज, कई लोगों से होगी पूछताछ
जेजेएमपी उग्रवादी संगठन के साथ हुई थी मुठभेड़
बता दें कि लातेहार के सलैया जंगल में सुरक्षाबल और जेजेएमपी उग्रवादी संगठन के बीच मुठभेड़ हुई थी. जिसमें डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार को गोली लगी थी. घायल डिप्टी कमांडेंट हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार मूल रूप से बिहार के मुंगेर जिले के लाल दरवाजा के रहने वाले हैं. [caption id="attachment_161559" align="aligncenter" width="600"]alt="" width="600" height="400" /> मुठभेड़ में शहीद हुए डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार को श्रद्धांजलि देते सीएम[/caption]
STF में एसॉल्ट ग्रुप 35 का नेतृत्व राजेश कुमार करते थे
झारखंड पुलिस में नक्सल अभियान में तेजी लाने के उदेश्य से बीएसएफ और सीआरपीएफ से अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति होती है. बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार को राज्य पुलिस की नक्सल विरोधी बल एसटीएफ (झारखंड जगुआर) में 7 सितंबर 2018 को प्रतिनियुक्ति दी गई थी. [caption id="attachment_161560" align="aligncenter" width="600"]alt="" width="600" height="400" /> मुठभेड़ में शहीद हुए डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार को श्रद्धांजलि देते नेता व अधिकारी[/caption] एसटीएफ में एसॉल्ट ग्रुप 35 का नेतृत्व राजेश कुमार की ओर से किया जाता था. मूल रूप से बिहार के मुंगेर जिला के लाल दरवाजा निवासी राजेश कुमार ने 12 नवंबर 2007 को बीएसएफ में योगदान दिया था. उनकी पैतृक वाहिनी पश्चिम बंगाल के कृष्णनगर की 84वीं बटालियन थी. राजेश के सहकर्मियों के अनुसार, राजेश कुमार तीन साल से झारखंड जगुआर में योगदान के बाद कई सफल ऑपरेशन का हिस्सा रह चुके थे. राजेश कुमार ने पूर्व में राज्य के तमाम नक्सल प्रभावित इलाकों में होने वाले ऑपरेशन में हिस्सा लिया था. इसे भी पढ़ें- देश">https://lagatar.in/nearly-half-of-rural-obcs-in-the-country-obc-families-in-seven-states-have-the-largest-number-in-rural-areas-survey/">देश
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