Ranchi: पूर्व सीएम और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि झारखंड के अस्पतालों में मुंह देखकर बेड देने का खेल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बंद करायें. उन्होंने कहा लोगों से लगातार यह शिकायत मिल रही है कि रांची में भी कुछ बड़े नामचीन प्राइवेट अस्पतालों में रोगी की गंभीरता नहीं बल्कि मुंह और हैसियत देखकर भर्ती करने का शर्मनाक खेल चल रहा है. इससे लोगों में व्यवस्था के प्रति आक्रोश है.
सीनियर डॉक्टरों की टीम बनाकर अस्पतालों के संसाधनों पर रखी जाए नजर
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जल्द ही सीनियर डॉक्टरों की टीम बनाकर अस्पतालों में मौजूद संसाधनों की स्थिति पर नजर रखी जाए, ताकि आईसीयू, एचडीयू और वेंटिलेटर जैसे जीवन रक्षक बेड कब्जा कर स्वास्थ्य लाभ कर रहे गैर ज़रूरी लोग उसे खाली करें और जरूरतमंद लोग इन सुविधाओं के अभाव में बेइलाज न मरें.
मेरी नहीं तो कम से कम अपने दल के नेता की सलाह मान लें सीएम
मरांडी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में जेएमएम के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने भी यह सुझाव सरकार को दिया था. उन्होंने भी कहा था कि हेल्थ ऑडिट टीम बनाकर प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती मरीजों की स्थिति की जानकारी ली जाए. बाबूलाल ने कहा कि सरकार मेरी फरियाद न सुनें, कम से कम अपनी पार्टी के प्रमुख नेता की आवाज तो सुनें.
मुख्यमंत्री को बड़े औद्योगिक समूहों से मदद मांगने की सलाह
उन्होंने मुख्यमंत्री से यह भी मांग की है कि झारखंड में सक्रिय बड़े औद्योगिक समूहों से वे बात करें. टाटा, अडाणी, जिंदल, वेदांता और रूंगटा के प्रमखों से सीधे बात करने का सुझाव दिया है. मरांडी ने कहा कि विपदा की इस घड़ी में बड़े समूहों के प्रयास, सहयोग और संसाधन से झारखंड को कोरोना से जंग में काफी मदद मिल सकती है.