- 6 जून 2020 को सीएम ने की थी घोषणा, लेकिन आज भी हड़िया बेचती दिखती हैं महिलाएं
- सीएम ने कहा था, हाट-बाजार में कोई महिला शराब नहीं बेचे. उनके लिए रोजगार के नये अवसर किये जायें तैयार
Ranchi: झारखंड के लोगों को रोजगार देने का हेमंत सरकार लगातार दावा करती रही है. लेकिन हकीकत यही है कि दावा केवल हवा-हवाई ही साबित हो रही है. ठीक आज से एक साल पहले (6 जून 2020 को) सीएम हेमंत सोरेन ने घोषणा की थी कि हाट-बाजार में कोई महिला शराब नहीं बेचेंगी. उनके लिए रोजगार के नये अवसर तैयार किये जायेंगे. सीएम ने सभी जिलों के डीसी को ऐसी महिलाओं के लिए रोजगार उपलब्ध कराने के लिए योजना बनाने का निर्देश दिया था. अन्य जिलों की बात न कर केवल रांची की बात करें, तो आज भी कई महिलाएं राजधानी के चौक-चौराहें पर हड़िया बेचती नजर आ जाएंगी.
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‘लगातार न्यूज’ ने हड़िया बेच रही महिलाओं की ली वस्तुस्थिति की जानकारी
‘लगातार न्यूज’ ने सोमवार को कई इलाकों में हड़िया बेच रही महिलाओं की वस्तुस्थिति जानने की कोशिश की. सभी महिला ने यही कहा, कि एक साल बीतने के बाद उनकी किसी ने भी कोई भी सुध तक नहीं ली.
अशोक नगर इलाके में हड़िया बेच रही महिला हागनी लकड़ा ने बताया कि उनके परिवार में 4 लोग हैं, जिनका गुजारा वह हड़िया बेच कर ही करती है. प्रतिदिन 200 रुपए के कमाई से परिवार का पालन पोषण करना काफी मुश्किल होता है. सरकार की घोषणा के बाद भी आज तक उसे कोई लाभ नहीं मिला है.
रजनी तिर्की ने बताया कि परिवार में 5 लोगों का गुजारा करना इस लॉकडाउन में काफी मुश्किल हो चुका है. सरकार की तरफ से ना ही रोजगार मिला न हो किसी तरह की सहायता. कोरोना को लेकर लगे लॉकडाउन की वजह से पुलिस 2 बजते ही लाठियां बरसाने लगती है.
जेल मोड़ के पास हड़िया बेच कर जीवनयापन कर रही दुगी उरांव ने लगातार न्यूज को बताया है कि मुख्यमंत्री की घोषणा तो छोड़िये, सरकारी आवास, राशन कार्ड जैसे लाभों से वह आज तक वंचित है.पास में ही जिला प्रशासन का कार्यालय है, एक साल क्या पिछले कई सालों से किसी भी अधिकारी उनके पास नहीं आये है.
जेल मोड़ के पास ही हड़िया बेच रही सबनम लकड़ा ने बताया, कि उन्हें भी सरकार द्वारा उन जैसी महिलाओं को रोजगार देने की बात न्यूजपेपर से ही मिली थी. तब से लेकर आज तक वह आस लगाये ही बैठी है कि कभी तो सरकार ऐसी महिलाओं की सुध लेगी. लेकिन ऐसा आज तक नहीं हुआ. अब तो उसने भी उम्मीद छोड़ दी है.