हेमंत ने कहा, कुपोषण का सीधा संबंध ST-SC समुदाय में देखा गया
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में बहुतायत में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के सदस्य निवास करते हैं. इस कुपोषण का सीधा संबंध इस समुदाय में देखा गया है. राज्य के समस्त नागारिकों की ओर से वे आग्रह करते हैं कि अनुशंसित 312 करोड़ रूपये जल्द निर्गत करने की कृपा करें. सीएम ने अपने पत्र में लिखा कि अग्रेत्तर वर्षों के लिए राशि विमुक्त करने का आदेश पीएम केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को दें. इसे भी पढ़ें-पहल">https://lagatar.in/initiative-cm-formed-three-member-committee-demands-widowed-women-victims-mob-lynching-broken-hunger-strike/">पहल: CM ने मॉब लिंचिंग पीड़ित विधवा महिलाओं की मांगों के लिए बनायी तीन सदस्यीय कमिटी, टूटी भूख हड़ताल
कुपोषण की स्थिति और सरकार के प्रयासों की भी मुख्यमंत्री ने दी जानकारी
लेटर के जरिये सीएम ने पीएम को बताया कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे -4 में झारखंड के लिए कुपोषण की जो तस्वीर सामने आई है, उसके तहत 0 से 6 वर्ष के बच्चों में प्रत्येक दूसरा बच्चा कुपोषण का शिकार है. 45 प्रतिशत बच्चे मानक से कम वजन के हैं. 23 प्रतिशत बच्चे दुबले-पतले होते हैं. 11.3 प्रतिशत बच्चे अत्यंत कुपोषित होते हैं. 40.3 प्रतिशत बच्चे अल्प विकसित हैं. इस समस्या को राज्य सरकार ने गंभीरता से लेते हुए अपनी प्राथमिकता में रखा है. सीएम ने लिखा- भारत सरकार के कार्यक्रमों के अलावा अपने सीमित संसाधनों से कुपोषण की समस्या से लड़ने का राज्य सरकार ने निर्णय लिया है. राज्य सरकार इसके लिए अपने संसाधनों से 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर पूरक पोषाहार कार्यक्रम के अतिरिक्त बच्चों को अंडा एवं अन्य बच्चों को समकक्ष प्रोटीनयुक्त भोजन देने पर विचार कर रही है. ऐसे में केंद्र सरकार अगर अनुशंसित 312 करोड़ रूपये की राशि विमुक्त करती है, तो कुपोषण के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई में राज्य सरकार को काफी सहयोग मिलेगा. इसे भी पढ़ें-शाम">https://lagatar.in/evening-news-diary-6-sept-irfans-hot-statement-sunil-tiwari-reaches-hc/">शामकी न्यूज डायरी।6 सितंबर। इरफान का गमछा बयान।सुनील तिवारी पहुंचे HC। राक्षस व भगवान पर CM। स्कूल फीस पर HC। RIMS रैगिंग में जांच। बिहार के अलावा कई वीडियो। [wpse_comments_template]
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