सीएम ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की कोताही और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इन योजनाओं के लिए जो भी संसाधन की जरूरत हो, उसकी व्यवस्था सुनिश्चित करें. सरकार की योजनाएं हर हाल में जन-जन तक पहुंचनी चाहिए.योजनाएं पारदर्शी, प्रभावी और असरदायक होनी चाहिए मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागों द्वारा जिन योजनाओं का चयन किया जाए, वह पूरी तरह पारदर्शी, प्रभावी और असरदायक होनी चाहिए. इसके लिए सकारात्मक और मजबूत कदम उठाए जाएं, ताकि उसका फायदा राज्य की जनता को सहूलियत के साथ मिल सके. उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयासों से सरकार पर राज्य की जनता का विश्वास और अधिक मजबूत होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा की योजनाएं औचित्यपूर्ण होनी चाहिए. कोई भी योजना तभी सार्थक साबित होती है, जब उसका लाभ लोगों को सही समय पर मिलता है. ऐसे में जो भी जरूरी योजनायें संचालित हो, उसे समय से पहले पूरा करने का प्रयास करें.मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्मी के मौसम के पूर्व पेयजल और मॉनसून के पहले जल प्रबंधन तथा जाड़े का मौसम शुरू होने के पूर्व कंबल वितरण की व्यवस्था दुरुस्त कर ली जानी चाहिए. वहीं, नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के पहले ही विद्यार्थियों के बीच पठन- पाठन सामग्री और साइकिल का वितरण सुनिश्चित करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी कई और जरूरी योजनाएं हैं, जिसको तय समय से पहले पूर्ण करने का प्रयास करें. आय, जाति और आवासीय प्रमाण पत्र के लिए लोगों को परेशानी नहीं हो मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को आय, जाति आवासीय, जन्म और मृत्यु जैसे प्रमाण पत्र बनवाने के लिए काफी चक्कर लगाना पड़ता है. ऐसी शिकायतें लगातार मिलती रहती है. लोगों को कई बार समय पर ऐसे प्रमाण पत्र नहीं मिलने से काफी नुकसान उठाना पड़ता है. यह व्यवस्था के लिए अच्छा नहीं है.
सीएम ने कहा कि जाति, आवासीय, आय, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र का सीधा सरोकार आम जनता से होता है. ऐसे में इस तरह के प्रमाण पत्र बनाने में परेशानी ना हो, इसकी व्यवस्था को पूरी तरह दुरुस्त रखें.विभागों को सिर्फ खर्च ही नहीं करना है, संसाधन भी जुटाने हैं मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की ओर से कई फ्लैगशिप योजनाएं संचालित की जा रही हैं. इन योजनाओं के लिए राशि का प्रावधान करने की दिशा में हमने प्रयास शुरू कर दिए हैं. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए विभागों को ठोस रणनीति के साथ कार्य करना है. इस सिलसिले में विभागों को सिर्फ राशि ही नहीं खर्च करना है, बल्कि संसाधनों को भी जुटाना है. जब हमारे पास संसाधन होंगे, तभी हम योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचाने में कामयाब होंगे.
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एक निजी मामला है, जो राजकाज में लागू नहीं हो सकताः बाबूलाल