Ranchi: सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड द्वारा 24 से 27 अक्टूबर तक सीसीएल मुख्यालय के कन्वेंशन में आयोजित कोल मेडिकल कॉन्फ्रेंस का रविवार को समापन हुआ. कॉन्फ्रेंस में कोल इंडिया की विभिन्न सहायक कंपनियों के 300 से अधिक डॉक्टर शामिल हुए. इस वर्ष के सम्मेलन का विषय स्वास्थ्य प्राथमिकताएं – वर्तमान और भविष्य था. ये सम्मेलन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के कई प्रतिष्ठित वक्ताओं की उपस्थिति से सुशोभित था. सम्मेलन के मुख्य आकर्षणों में कोलकाता, दिल्ली, गुरुग्राम , हैदराबाद, फ़रीदाबाद आदि के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ चिकित्सकों के व्याख्यान शामिल थे.
डॉक्टर्स ने पेश किये शोध पत्र
26 और 27 अक्तूबर को कोल इंडिया की विभिन्न सहायक कंपनियों के डॉक्टरों द्वारा प्रस्तुत विभिन्न श्रेणियों में कुल 49 रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए गए. जिसमें फ्री पेपर – 06 प्रविष्टि, केस प्रेज़न्टैशन – 25 प्रविष्टि, चेयरमैन अवॉर्ड – 06 प्रविष्टि, डीएनबी सेशन – 12 प्रविष्टि चयनित हुए थे. डीएनबी श्रेणी में पहला पुरस्कार डॉ सिखा भारद्वाज, दूसरा डॉ विकसित जयपुरियार, तीसरा डॉ महेश धनगर को दिया गया. फ्री पेपर में प्रथम पुरस्कार डॉ गौरव कुमार और दूसरा पुरस्कार डॉ पायल वेद्य को दिया गया. चेयरमैन्स अवॉर्ड में प्रथम पुरस्कार डॉ नीता प्रकाश और कंसोलेशन प्राइज डॉ रितेश काले को दिया गया. केस रिपोर्ट की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार डॉ देवी दास, द्वितीय पुरस्कार डॉ नेहा रानी और डॉ खुशबू शरण को मिला जबकि तीसरे स्थान पर डॉ मोहना मंडल और कंसोलेशन प्राइज डॉ मोहम्मद शाहिद कादरी को दिया गया.
डॉ अंकित श्रीवास्तव रांची के प्रसिद्ध एंडोक्राइनॉलॉजिस्ट ने एक मधुमेह कार्यशाला का संचालन किया. पद्मश्री डॉ रणदीप गुलेरिया , मेदांता अस्पताल गुड़गांव से “सारकोयडॉयसिस चैलेंजेस इन डायग्नोसिस इन इंडिया” पर वर्चुअल रूप से विस्तार से व्याख्यान दिया. डॉक्टर गुलेरिया ने प्रतिभागियों को क्षेत्र में हो रहे नई तकनीकी नवाचारों से भी अवगत कराया. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली के पद्मश्री डॉ जेएस तीतीयाल एक प्रसिद्ध नेत्र विशेषज्ञ ने “करेंट प्राइयोरीटी ऑफ आई हेल्थकेयर एण्ड फ़्यूचर चैलेंजेज़ “पर वर्चुअल रूप से जुड़कर विषय विशेष के महत्व को रेखांकित किया. डॉ हृषिकेश कुमार, वाइस प्रेसीडेंट, इंस्टिचयूट ऑफ न्यूरोसाइंसेज कोलकाता ने “अप्रोच टू गेट डिसॉर्डर” पर अपने विचार प्रकट किये. डॉ प्रवीण कुमार बंसल, मेट्रो अस्पताल, फरीदाबाद के एक जाने माने मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट है, जिन्होंने “ऑन्कोलॉजिकल ईमरजेनसीज” पर अपने विचार प्रकट किए.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के डॉ सिद्धार्थ सत्पथी “लॉ अप्पलीकेबल फॉर हॉस्पिटल्स” पर विस्तृत जानकारी ऑनलाइन विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा साझा किये. नारायणा हृदयालय कोलकाता के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ हृदिश नारायण चक्रवर्ती “इंसुलिन थेरापी – पर्लस एण्ड पिटफाल्स” पर व्याख्यान दिये. प्रोफेसर (डॉ.) दिलीप कुमार पहाड़ी – मेडिका सुपर स्पेशलिटी अस्पताल कोलकाता में नेफ्रोलॉजी विभाग में निदेशक और वरिष्ठ चिकित्सक हैं. उन्होंने “डायलीसिस सेंटर इन टर्शीयरी केयर हॉस्पिटल” पर व्याख्यान दिया. डॉ. सौरव दत्ता कोलकाता में सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट हैं. 22 वर्षों के अनुभव के साथ, वह वर्तमान में मेडिका सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, कोलकाता में वरिष्ठ सलाहकार और निदेशक के रूप में कार्यरत हैं. उन्होंने “करेंट सिनारियों एण्ड फ़्यूचर ऑफ कैंसर केयर इन ईस्टर्न इंडिया” पर प्रस्तुति दिया.
डॉ संजीब कुमार बेहरा- क्लिनिकल निदेशक एवं विभागाध्यक्ष अस्थि रोग, केयर हॉस्पिटल , हैदराबाद मे कार्यरत हैं. ये जॉइन्ट रिपलेसमेंट, अरथरोस्कोपी, ट्रॉमा शोल्डर स्पाइन एलबों एवं एंकल सर्जरी के विशेषज्ञ हैं. इनकी विडिओ प्रस्तुति “मिनी पोसटीरियर अप्रोच इन्सिज़न टीएचआर” विषय पर आधारित थी. डॉ (ब्रिगेडियर) अरविन्द कुमार त्यागी, निदेशक सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक सर्जरी, यशोदा हॉस्पिटल गाज़ियाबाद, ने कई वर्षों तक सशस्त्र सैनिक बल हॉस्पिटल्स मे अपना योगदान दिया है. उनकी प्रस्तुति का विषय “स्पेक्ट्रम ऑफ ऑनकोलॉजी” पर था. डॉ आरके राय सीईओ एंड फाउंडर ट्रस्टी, बिरसा इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च, खूंटी“ चैलेंजेज ऑफ हॉस्पिटल सिस्टम इन प्रेजेंट मिलेनीयम” पर अपने विचार साझा किये.
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