Ranchi : केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने शुक्रवार को रांची में बड़ी घोषणा की. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि अब कोल इंडिया के नियमित और ठेका मजदूर दोनों के आश्रितों को दुर्घटना में मौत पर एक करोड़ अतिरिक्त मुआवजा दिया जाएगा. यह लाभ 17 सितंबर से श्रमिक दिवस के दिन से लागू होगा.
कोविड के समय लागू एक्सग्रेशिया की राशि को 15 लाख से बढ़ाकर 25 लाख कर दी गई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मांगी जा रही बकाया राशि के मुद्दे पर कोल मंत्रालय और राज्य सरकार के समन्वय से गठित कमेटी काम कर रही है.
कोयला मंत्रालय की बताई प्राथमिकता
केंद्रीय कोयला मंत्री ने कहा कि कोल मंत्रालय का उद्देश्य आय अर्जन नहीं, बल्कि विकसित भारत के लिए कोल की मांग को पूरा करना है. देश में 143 ऐसे कोल माइंस हैं, जिनका क्लोजर अभी तक नहीं हुआ है.
इन माइंस के पानी का उपयोग और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए माइंस क्लोजर की प्रक्रिया शुरू की गई है. अब तक 9 माइंस का क्लोजर हो चुका है और अगले दो-तीन वर्षों में सभी 143 माइंस को बंद कर दिया जाएगा.
झरिया के लिए नए मास्टर प्लान
झरिया के लिए नए मास्टर प्लान के संबंध में कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से 60 लोगों की टीम नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें से कोल मंत्रालय ने 50 लोगों की नियुक्ति कर दी है. मास्टर प्लान में पुनर्वासित लोगों के लिए रोजगार, आवास, अस्पताल और स्कूल जैसी सुविधाओं को ध्यान में रखा गया है.
अवैध खनन पर सीएम से करेंगे चर्चा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अवैध खनन के कारण होने वाली दुर्घटनाएं एक गंभीर मुद्दा है, जिस पर मुख्यमंत्री से चर्चा की जाएगी. कोल मंत्रालय और कोल कंपनियां सुरक्षा उपायों पर विशेष ध्यान दे रही हैं. दुर्घटनाओं को कम करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है और अधिकारियों को निरंतर निर्देश दिए जा रहे हैं.
घरेलू कोयला का उत्पादन बढ़ाने पर जोर
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कोल मिनिस्ट्री का घरेलू कोयला का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है. देश और दुनिया में क्रिटिकल मिनरल्स की मांग को देखते हुए सरकार इसके घरेलू उत्पादन को भी बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है.
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