झारखंड में मिलेट मिशन
मंत्री तिर्की ने कहा, "झारखंड और कर्नाटक में मोटे अनाज की खेती पौराणिक काल से हो रही है. आदिवासी समाज अब भी इस परंपरा को जीवित रखे हुए है." उन्होंने गर्व व्यक्त करते हुए बताया कि झारखंड सरकार मिलेट मिशन के तहत किसानों को 3,000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दे रही है. साथ ही, एफपीओ (फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है.मोटे अनाज की क्रांति की जरूरत
मंत्री तिर्की ने कहा, "मोटा अनाज कभी गरीबों का भोजन माना जाता था, लेकिन आज यह पोषण और स्वास्थ्य के लिहाज से प्रमुख हो गया है. चावल और गेहूं की तुलना में मोटा अनाज स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए अधिक लाभकारी है. आने वाले समय में यह अनाज कुपोषण से लड़ने और किसानों की आय बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा." उन्होंने गुमला में मडुआ (रागी) की खेती पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की केस स्टडी का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे जिले जहां मोटे अनाज की खेती हो रही है, वे कुपोषण से लड़ने में कारगर साबित हो रहे हैं.अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार की जरूरत
मंत्री तिर्की ने कहा कि मोटे अनाज की खेती को राज्य स्तर से ऊपर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि झारखंड मिलेट मिशन के तहत किसानों को प्रशिक्षण और बाजार सुविधा प्रदान करने के लिए आईसीआर (ICR), आईएमआर (IMR), और राज्य विश्वविद्यालयों की अहम भूमिका होगी. मोटा अनाज की इस क्रांति को सफल बनाने के लिए झारखंड और कर्नाटक मिलकर किसानों को सहयोग प्रदान करेंगे. मंत्री ने विश्वास जताया कि यह पहल आने वाले समय में खेती और पोषण के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाएगी. इसे भी पढ़ें – लॉस">https://lagatar.in/los-angeles-forest-fire-breaks-out-near-castaic-lake-8-thousand-acres-of-area-engulfed1004205-2/">लॉसएंजिल्स : कास्टेइक झील के पास जंगल में लगी भीषण आग, 8 हजार एकड़ का इलाका चपेट में हर खबर के लिए हमें फॉलो करें Whatsapp Channel: https://whatsapp.com/channel/0029VaAT9Km9RZAcTkCtgN3q
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