Ranchi : झारखंड आदिवासी महोत्सव का रंगारंग कार्यक्रम के साथ आगाज हुआ. महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार शामिल हुए. वहीं विशिष्ट अथिति के रूप में राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन ने शिरकत की. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कार्यक्रम की अगुवाई की. महोत्सव में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने सभी का स्वागत किया. कार्यक्रम की शुरुआत से पहले राज्यपाल और मुक्तमंत्री ने आदिवासी महोत्सव का उद्घाटन किया. इस दौरान मुख्य अतिथि ई-रिक्शा पर बैठकर मुख्य गेट से मंच तक गए. मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, हमारा आदिवासी समाज कैसे आगे बढ़े, इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है. इसमें आम नागरिक के तौर पर आपकी भी भूमिका जरूरी है. आपके साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए सरकार कटिबद्ध है. हर समय आपके सामने आपकी सरकार खड़ी है, आपकी मदद के लिए. हमें गर्व है कि हमने एक ऐसे धरती पर जन्म लिया, जिसको झारखंड ही नाम नहीं बल्कि वीरों की धरती भी कहा जाता है, जहां भगवान बिरसा मुंडा जैसे वीर शहीद हमारे पूर्वजों के रूप में हैं, जिन्होंने यहां के आदिवासियों – मूलवासियों के लिए अपने आपको कुर्बान किया.
सीएम हेमंत सोरेन के भाषण का मुख्य अंश
झारखंड आदिवासी महोत्सव के उद्घाटन के बाद अपने भाषण में कहा, आज आदिवासी दिवस के शुभ अवसर पर, हमारे साथ मंच पर उपस्थित झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, मंच पर राज्य निर्माता दिशोम गुरू शिबू सोरेन, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, विधायक कल्पना सोरेन, राजेश कच्छप, हमारे राज्य के मुख्य सचिव एल ख्यांग्ते, राज्य के पुलिस प्रमुख अनुराग गुप्ता इसके साथ तमाम विभागीय समेत देश के कोने-कोने से आए आदिवासी कलाकारों का मैं आप सबका हार्दिक अभिनंदन करता हूं.
आज विश्व आदिवासी दिवस है, हमारे राज्य में तीसरी बार विश्व आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है. हर बार एक नई उत्साह और नई ऊर्जा के साथ हम सब एकत्रित होते हैं. आज आदिवासी दिवस पर सिर्फ एक ही स्थान पर नहीं बल्कि देश-दुनियाभर के सभी स्थानों पर अलग-अलग समूहों में लोग आदिवासी समूह आदिवासी दिवस मना रहा है. निश्चित रूप से आदिवासी समाज के लिए ऐसे दिन हमेशा याद रखने के दिन होते हैं.
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देश-दुनिया झारखंड को सोने की चिड़िया कहती है, बावजूद हमारे राज्य के लोग विकास मानदंडों में पीछे हैं : CM
आदिवासियों को देश-दुनिया का सबसे, आदिवासी समाज के बाद ही अन्य समाजों का सृजन हुआ. इसी क्रम में ये आदिवासी समाज भी देश दुनिया के सभी कोनों में अपनी संस्कृति, विरासत के साथ चल रहा है. इसमें झारखंड प्रदेश आदिवासी संस्कृति सभ्यता, जल, जंगल, जमीन की रक्षा और अधिकारी लड़ाई के लिए संघर्ष दुनिया को दिखाया है. हमें गर्व है कि हमने ऐसी धरती पर जन्म लिया, जिसे झारखंड ही नाम नहीं बल्कि इस राज्य को वीरों की धरती कहा जाता है. जहां भगवान बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हो, फूलो-झानों जैसे वीर सपूतों ने इस धरती के लिए, आदिवासी-मूलवासियों के अधिकार के लिए संघर्ष किया. इसलिए हमारे पूर्वजों ने अलग राज्य की परिकल्पना की, लोगों के बलिदान और संघर्ष के कारण साल 2000 में हमें अलग झारखंड राज्य प्राप्त हुआ. राज्य बनने के बाद विकास के पथ पर चलाने के लिए, कई सरकारें बनीं. 2019 की सरकार बनाने के बाद हम आदिवासी दिवस भी नहीं मना पाए. इस बीच कोरोना काल में हम संक्रमण काल से गुजरे. इसके बाद हमने देश-दुनिया सोने की चिड़िया कहती है, लेकिन इतना खनिज संसाधन होने के बावजूद हमारे राज्य के लोग विकास के मानदंडों को पूरा कर पाने में असमर्थ हैं.
संघर्षों के बदैलत अलग राज्य के रुप में झारखंड बना
अलग झारखंड राज्य के लिए लोगों ने लड़ाई लड़ी, इनमें से कई बुजुर्ग हो गये और कई संघर्षशील लोगों ने हमारा साथ छोड़ दिया. लेकिन इस बात को हमेशा याद रखना चाहिए कि ये राज्य और प्रदेशों की अपेक्षा इसकी अलग पहचान और इतिहास रहा है. सदियों से यहां के मूलवासियों के साथ शोषण हुआ. आजादी के पहले और बाद में भी यहां के आदिवासियों के साथ शोषण हुआ.
आज खुशी और संकल्प लेने का दिन
लेकिन हमारे विगत कार्यकाल के दिनों में हमने अलग-अलग तरीकों से विकास की गति को बढ़ाने का प्रयास किया. राज्य के लोगों के लिए बेहतर भविष्य उपलब्ध हो सके, इसका प्रयास आपकी सरकार कर रही है. हमारी आने वाली पीढ़ी को बेहतर भविष्य मिल सके. इसके लिए हमने प्रयास किया, चाहे वो मॉडल स्कूल के नाम पर हो या फिर गरीबों के लिए सर्वजन पेंशन हो, चाहे इस राज्य की हर महिला को सम्मान राशि देने का हो. बहुत सारी ऐसी योजनाओं को लेकर हमने राज्य को गति दी. आज खुशी का दिन है और संकल्प लेने का भी दिन है कि हम लोग बहुत मुश्किलों और संघर्षों के बाद किसी पायदान पर पहुंचते हैं.
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