NewDelhi : लोकसभा ने वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार करने के लिए संसद की संयुक्त समिति के गठन के लिए सदन के 21 सदस्यों को नामित करने तथा राज्यसभा से 10 सदस्यों को नामित करने की अनुशंसा संबंधी प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दी. संयुक्त समिति में लोकसभा से जिन 21 सदस्यों को शामिल किया गया है उनमें भारतीय जनता पार्टी के आठ औेर कांग्रेस के तीन सांसद शामिल हैं. संसदीय कार्य और अल्पंसख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सदन में यह प्रस्ताव रखा, जिसे ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गयी.
10 MPs from Rajya Sabha who will be members of the JPC are – Brij Lal, Dr. Medha Vishram Kulkarni, Gulam Ali, Dr. Radha Mohan Das Agrawal, Syed Naseer Hussain, Mohammed Nadeem Ul Haq, V Vijayasai Reddy, M. Mohamed Abdulla, Sanjay Singh and Dr Dharmasthala Veerendra Heggade. https://t.co/Seze5gTn1e
— ANI (@ANI) August 9, 2024
समिति को शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के अंतिम दिन तक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. समिति में भाजपा से जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या, अपराजिता सारंगी, संजय जायसवाल, दिलीप सैकिया, अभिजीत गंगोपाध्याय और डीके अरुणा को शामिल किया गया है, जबकि कांग्रेस से गौरव गोगाई, इमरान मसूद और मोहम्मद जावेद को इस समिति का हिस्सा बनाया गया है.
टीएमसी के कल्याण बनर्जी, द्रमुक के ए राजा, असदुद्दीन औवैसी भी समिति में शामिल
समाजवादी पार्टी के सदस्य मौलाना मोहिबुल्ला नदवी, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी, द्रमुक के ए. राजा, तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) के लावू श्रीकृष्णा, जनता दल (यूनाइेड) के दिलेश्वर कामत, शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के सुरेश गोपीनाथ महत्रे, शिवसेना के नरेश गणपत म्हास्के, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अरुण भारती और एआईएमआईएम के असदुद्दीन औवैसी भी इस समिति में शामिल हैं. लोकसभा ने राज्यसभा से अनुशंसा की है कि वह इस संयुक्त समिति के लिए 10 सदस्य का चयन कर निचले सदन को सूचित करे. सरकार ने वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक गुरुवार को लोकसभा में पेश किया था जिसे सत्तापक्ष एवं विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक एवं चर्चा के बाद संयुक्त समिति के पास भेजने का फैसला हुआ था.
विपक्षी सदस्यों ने विधेयक को संविधान, संघवाद और अल्पसंख्यकों पर हमला कहा
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सदन में ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024’ पेश किया और विभिन्न दलों की मांग के अनुसार विधेयक को संसद की संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने का प्रस्ताव किया. इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा था, मैं सभी दलों के नेताओं से बात करके इस संयुक्त संसदीय समिति का गठन करुंगा. विपक्षी सदस्यों ने विधेयक का पुरजोर विरोध किया था और कहा था कि यह संविधान, संघवाद और अल्पसंख्यकों पर हमला है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के प्रमुख घटक दलों जनता दल (यूनाइटेड), तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) और शिवसेना ने विधेयक का समर्थन किया था, हालांकि, तेदेपा ने इसे संसदीय समिति के पास भेजने की पैरवी की थी. विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाये गये सवालों का जवाब देते हुए रीजीजू ने कहा था कि विधेयक में किसी की धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है तथा संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया गया है.