Ujjain : नेपाल की सत्ता पर काबिज होने वाले कामरेड प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल, प्रचंड द्वारा मध्य प्रदेश के उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर में भगवान शिव की पूजा करने की खबर सुर्खियों में है. जान लें कि नेपाली प्रधानमंत्री इस समय अपनी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा के तहत भारत के चार दिवसीय दौरे पर हैं. दिलचस्प बात यह है कि प्रचंड ने भगवान के नाम पर प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से इनकार कर दिया था. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
#WATCH | Nepal’s PM Pushpa Kamal Dahal ‘Prachanda’ offers prayers at the Mahakal Temple in Ujjain, Madhya Pradesh.
(Video: Mahakaleshwar Temple Committee) pic.twitter.com/0EsazSmPdA
— ANI (@ANI) June 2, 2023
#WATCH | Nepal PM Pushpa Kamal Dahal ‘Prachanda’ arrives at the Mahakal Temple in Ujjain, Madhya Pradesh. pic.twitter.com/vu8wWMOynC
— ANI (@ANI) June 2, 2023
प्रचंड देश-विदेश में वामपंथी राजनीति के लिए जाने जाते हैं
सीपीएन माओवादी सेंटर के नेता प्रचंड देश-विदेश में वामपंथी राजनीति के लिए जाने जाते हैं. प्रचंड ने नेपाल में हिंदू राजशाही का जोरदार विरोध किया था. उन्होंने माओवादियों का नेतृत्व करते हुए खूनी अभियान चलाया था. अब उसी प्रचंड काभगवाधारी हो जाना चर्चा में है. इसे लेकर वह नेपाल में चौतरफा घिर गये हैं.
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार प्रचंड पीएम बनने के बाद पहले से चली आ रही अपनी नीतियों को बदलने की कवायद में जुट गये हैं. जान लें कि प्रचंड की पार्टी ने अंडरग्राउंड रहने के क्रम में हिंदू राजा के खिलाफ हिंसक संघर्ष चलाया था. इस दौरान कई बार मंदिरों को तोड़ा गया था तथा देवी-देवताओं की मूर्तियों को नष्ट किया गया था. उस दौरान प्रचंड आरोप लगाते रहे थे कि नेपाली समाज में सदियों से चले आ रहे भेदभाव के पीछे का कारण हिंदुओं का आधिपत्य है. इस थ्योरी के तहत प्रचंड ने कथित रूप से धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा दिया था.
प्रचंड ने 51 हजार रुपये नकद दान भी किया
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार प्रचंड दिसंबर 2022 में तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने अंदर बड़ा बदलाव लाये हैं. इसी नीति का नतीजा है कि उन्होंने उज्जैन जाकर महाकाल भगवान शिव के दर्शन किये. जान लें कि प्रचंड ने न केवल 12 ज्योतिर्लिंगों में एक महाकाल के मंदिर में पूजा की, बल्कि 108 किलोग्राम रुद्राक्ष भी चढ़ाया. साथ ही प्रचंड ने 51 हजार रुपये नकद दान भी किया. प्रचंड अपने साथ काठमांडू से 8 सूटकेस लेकर आये थे जिसमें पवित्र रुद्राक्ष भरे हुए थे.
मंदिर में भगवा शॉल ओढ़ी और माथे पर चंदन का टीका लगाया
प्रचंड ने महाकाल के मंदिर में पूजा के दौरान मंदिर में भगवा शॉल ओढ़ी और माथे पर चंदन का टीका लगाया. वह कई घंटे तक महाकाल के मंदिर में बने रहे. प्रचंड ने पूजा करने को लेकर कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. भगवा कपड़े पहनने पर उन्होंने कहा कि यह मंदिर का नियम था जिसे उन्होंने केवल माना है.