Surjit Singh
सोमवार, 13 जनवरी 2025 को रुपया क्रैश हो गया. डॉलर के मुकाबले रुपये में एक ही दिन में 50 पैसा टूट गया. ऐसा बहुत ही कम होता है. 11 जनवरी को एक डॉलर के मुकाबले रुपया 86.20 रुपया था, जो 13 जनवरी को 86.70 रूपया तक पहुंच गया.
भारतीय करेंसी रुपया पिछले एक माह में करीब 2 रुपया कमजोर हुआ है. इसके साथ ही 13 जनवरी को ही शेयर बाजार करीब 1000 से अधिक टूट गया. एक ही दिन हुई यह दोनों घटनाएं, भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से कमजोर पड़ने की वजह से हो रहा है.
अमीर लोग इस बात को अच्छे से समझते हैं कि डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने का असर उन पर क्या होगा, लेकिन क्या आम लोग, मीडिल क्लास व गरीब यह समझ पाते हैं कि उनके लिए आने वाला दिन कितनी खतरनाक स्थिति को ओर संकेत दे रहा है.
भारतीय शेयर बाजार में निरंतर हो रही गिरावट और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी से आम लोगों की जिंदगी तकलीफदेह होने वाली है. जहां एक तरफ बाजार में मंदी का माहौल बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर रुपये की गिरावट ने रोजमर्रा की जरूरतों को मंहगा बनाने का काम करेगा.
कमजोर रुपये का सीधा असर उन सामानों की कीमतों पर पड़ेगा, जिसका हम आयात करते हैं. आम लोगों के लिए रोज इस्तेमाल में आने वाले तेल, खाने-पीने के सामान, कच्चा तेल, प्लास्टिक, चिकित्सा, बनस्पति तेल, इलेक्ट्रॉनिक्स पार्ट्स, मोटर पार्ट्स सब मंहगे होंगे.
इसके अलावा जिनके बच्चे विदेशों में पढ़ रहे हैं, उन्हें अब ज्यादा रुपये चुकाने पड़ेंगे. डीजल-पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है, जिसका असर देश में उपजने वाले खाने-पाने के सामानों की कीमतों पर पड़ेगा.
और अंत में यह कि यह सब उस प्रधानमंत्री के कार्यकाल में हो रहा है, जो वर्ष 2014 से पहले कहा करते थे कि जिस देश का रुपया गिरता है, उस देश की प्रतिष्ठा भी गिर जाती है.
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