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वन संरक्षण में आम लोगों की सहभागिता जरूरी- डॉ नितिन कुलकर्णी

Ranchi: वन उत्पादकता संस्थान, रांची में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची के वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा 21 से 25 मार्च तक भारतीय वन सेवा के पदाधिकारियों के लिए आवश्यक प्रशिक्षण का आयोजन Ethnobotany for Conservation and Development of Forests विषय पर किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि वन उत्पादकता संस्थान के निदेशक डॉ नितिन कुलकर्णी ने किया. इस मौके पर डॉ कुलकर्णी ने कहा कि वनों के संरक्षण और विकास के लिए आम लोगों की सहभागिता बहुत जरूरी है, और इसके लिए लोगों को और जागरूक होना होगा. [caption id="attachment_271770" align="aligncenter" width="1024"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/03/2-27.jpg"

alt="" width="1024" height="683" /> प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मौजूद वन पदाधिकारी[/caption] इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्थान के समूह समन्वयक (अनुसंधान) डॉ योगेश्वर मिश्रा एवं उत्तर प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक (अनुसंधान एवं प्रशिक्षण) पीके दुबे सहित संस्थान के वैज्ञानिकों, अधिकारियों और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयक, सहायक प्राध्यापक और प्रतिभागी ऑनलाइन उपस्थित रहे. अपने संबोधन में अतिथियों ने प्रतिभागियों से कार्यक्रम का पूरा लाभ उठाने की अपील की. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण का विषय आज की तिथि के अनुसार बहुत ही प्रासंगिक है. इस प्रशिक्षण को परस्पर संवादात्मक (interactive) बनाने पर जोर दिया तथा सभी से इसमें अपनी पूर्ण सहभागिता की अपील की. इसे भी पढ़ें-जैसे">https://lagatar.in/just-as-article-370-was-removed-from-kashmir-we-will-liberate-pok-as-well-jitendra-singh/">जैसे

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वक्ताओं ने कहा कि वनों के संरक्षण हेतु सहभागिता जरुरी है. कार्यक्रम के संयोजक DSPMU के इश्वरी प्रसाद गुप्ता ने ऑनलाइन सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया. उन्होंने सभी प्रतिभागियों से इस प्रशिक्षण का पूरा लाभ उठाने की अपील की है. आज के कार्यक्रम में करीब 15 प्रतिभागियों ने भाग लिया. कार्यक्रम में देश के 10 से ज्यादा विशेषज्ञ वन पदाधिकारी प्रशिक्षण देंगे.

पहले दिन दो तकनीकी सत्र का आयोजन

प्रथम दिन दो तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया जिसमें A.K.S.University, Satna के Dr. R.L.S. Sikarwar ने Ethnobotany of India with special reference to Conservation of Forest एवं डॉ योगेश्वर मिश्रा ने Introduction to IFP पर अपना अपना व्यख्यान प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का संचालन कोर्स समन्वयक विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रसन्नजीत मुखर्जी ने कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में बताया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ विद्येन कुमारी द्वारा दिया गया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डॉ शंभु नाथ मिश्रा, डॉ संजीव भाटिया, डॉ अपर्णा सिन्हा, तरूण कुमार, मुनमुन मित्रा, राजीव कुमार, रविशंकर, अंशुमन दास मौजूद थे. इसे भी पढ़ें-TSPC">https://lagatar.in/tspc-subzonal-commander-kishun-ganjhus-bail-hearing-in-hc-court-seeks-criminal-record-and-case-diary/">TSPC

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