New Delhi : ओलिंपिक मेडलिस्ट लवलीना बोरगोहेन को बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स से खाली हाथ लौटना पड़ेगा. उन्हें क्वार्टर फाइनल में हार मिली. गेम्स के शुरू होने के पहले से ही लवलीना विवादों में हैं. उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक में लवलीना बोरगोहेन (Lovlina Borgohain) ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था. वह एकमात्र बॉक्सर थीं, जिन्हें मेडल मिला था. कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले लवलीन से सिर्फ मेडल ही नहीं गोल्ड मेडल की उम्मीद थी. लेकिन वह मेडल भी नहीं जीत सकी. महिलाओं के 70 किग्रा कैटेगरी के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में लवलीना को वेल्स की रोसी एसेल्स ने 3-2 से हरा दिया. यह इस गेम्स के सबसे बड़े उलटफेर में एक माना जा रहा है.
डिफेंसिव होने के कारण हारी
क्वार्टर फाइनल मुकाबले के पहले दो राउंड के बाद लवलीना के पास बढ़त थी. इसके बाद वेल्स की बॉक्सर ने वापसी करते हुए मैच जीतकर मेडल पक्का कर लिया. शुरुआत में बढ़त लेने के बाद लवलीना डिफेंसिव हो गईं. यह वजह रही कि उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उनके स्तर के बॉक्सर से उम्मीद की जाती है कि मैच में बढ़त को और मजबूत करें लेकिन लवलीना नहीं ऐसा नहीं किया.
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कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले हुआ विवाद
कॉमनवेल्थ गेम्स शुरू होने से पहले ही लवलीना विवादों में आ गई थीं. उन्होंने खेल शुरू होने से चंद दिन पहले ट्वीट किया कि उनकी पर्सनल कोच में खेल गांव में एंट्री नहीं मिल रही है. उन्होंने बॉक्सिंग फेडरेशन पर खुद को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया. इसके बाद उनकी कोच संध्या गुरुंग को खेल गांव में एंट्री तो दे दी गई, लेकिन टीम की डॉक्टर को होटल में भेज दिया गया. इसके बाद भी लवलीना मेडल नहीं जीत पाईं.
ओपनिंग सेरेमनी में भी मचा था बवाल
लवलीना ने कॉमनवेल्थ गेम्स की ओपनिंग सेरेमनी को बीच में ही छोड़ने का फैसला किया था. लवलीना ने एक अन्य भारतीय मुक्केबाजी मुहम्मद हुसामुद्दीन के साथ अलेक्जेंडर स्टेडियम से खेल गांव के लिए जल्दी निकलने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि सुबह अभ्यास करना है और इसी वजह से जल्दी जाना चाहती हैं. उन्हें टैक्सी नहीं मिला और दोनों घंटों बाहर फंसे रहे.
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