Ranchi: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने 16 वें वित्त आयोग से विशेष सहायता अनुदान और वित्तीय आवंटन की मांग की है. मनरेगा से जुड़े मुद्दे: लगभग 39 लाख श्रमिक आधार आधारित भुगतान प्रणाली (ABPS) के कारण अयोग्य घोषित कर दिए गए हैं. जॉब कार्ड रद्द करने और नए कार्यों के लिए मनरेगा को कृषि से जोड़ने की मांग की गई है. इसके अलावा मजदूरी बढ़ाकर 282 से केरल के स्तर पर लाने की मांग की गई है.
प्राथमिक शिक्षा की स्थिति: झारखंड के 7,642 सरकारी स्कूलों में केवल एक शिक्षक हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठते हैं. स्कूलों में शौचालय, पीने के पानी और खेल मैदान की सुविधा नहीं होने की समस्या भी है.
एचइसी को बचाने की मांग: भारत को औद्योगिक महाशक्ति बनाने के लिए HEC (हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन) को बचाना और फिर से चालू करना आवश्यक है. इसके लिए 1200 करोड़ की तात्कालिक आधुनिकीकरण निधि और 400 करोड़ कार्यशील पूंजी की जरूरत है.
स्वास्थ्य सेवाएं: झारखंड में शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और जीवन प्रत्याशा जैसे स्वास्थ्य संकेतक चिंताजनक हैं. राज्य में मलेरिया, टीबी और जलजनित रोगों की समस्या भी गंभीर है.
पर्यावरण और स्वास्थ्य संकट: खनन और वनों की कटाई से झारखंड की जलाशयों में सिल्ट जमा हो रही है, जिससे फ्लोराइड और आर्सेनिक प्रदूषण हो रहा है.
सिंचाई और खाद्य संकट: झारखंड खाद्यान्न अभाव वाला राज्य है, जहां एक ही फसल होती है और अधिकांश किसान सीमांत या गरीब हैं. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की परियोजनाओं को चालू करने के लिए पर्याप्त वित्तीय आवंटन आवश्यक है.