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राजभवन और विभावि के पेंच में फंसा अनिवार्य सेवानिवृत्ति का मामला

अन्नदा कॉलेज से व्याख्याता डॉ. केके अखौरी के मामले में जीबी ने सुनाया था निर्णय, जांच कमेटी ने नहीं सौंपी है रिपोर्ट, वीसी के आदेश की है प्रतीक्षा Amarnath Pathak Hazaribagh : राजभवन और विनोबाभावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के पेंच में अनिवार्य सेवानिवृत्ति का मामला फंसा हुआ है. यह अनिवार्य सेवानिवृत्ति समय से पहले अन्नदा कॉलेज महाविद्यालय प्रशासन की ओर से वहां कभी समाजशास्त्र विभाग के एचओडी रहे डॉ. किशोर कुमार अखौरी को सुनाया गया था. उनकी सेवानिवृत्ति अप्रैल 2024 में होनी थी, लेकिन कॉलेज के शासी निकाय ने बैठक कर नौ माह पूर्व ही एक जुलाई को उनके अनिवार्य सेवानिवृत्ति का निर्णय सुना दिया. दरअसल उन्होंने यूजीसी वेतनमान देने और कॉलेज में यूनिवर्सिटी रिप्रजेंटेटिव और इलेक्टेड टीचर रिप्रजेंटेटिव के लिए आवाज उठाई थी. इसी बात से अन्नदा कॉलेज प्रशासन नाराज हो गया और उन पर अनुशासनहीनता का आरोप मढ़ते हुए उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी. इस मामले में डॉ. अखौरी ने राजभवन और विनोबाभावे विश्वविद्यालय के वीसी से गुहार लगाते हुए इंसाफ की मांग की है. उन्होंने कहा है कि कुलाधिपति सह राज्यपाल और कुलपति से उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनके साथ न्याय होगा. हजारीबाग">https://lagatar.in/category/jharkhand/north-chotanagpur-division/hazaribagh/">हजारीबाग

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राजभवन ने तलब की पूरी रिपोर्ट, जांच कमेटी गठित

डॉ. केके अखौरी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के मामले में राजभवन ने विनोबाभावे विश्वविद्यालय से पूरी रिपोर्ट तलब की. तब विभावि प्रशासन ने सात जुलाई को जांच कमेटी गठित कर रिपोर्ट सात दिनों के अंदर मांगी. इस जांच कमेटी के संयोजक विभावि के प्रोक्टर डॉ. मिथिलेश बनाए गए. वहीं सोशल साइंस के डीन पीसी देवघरिया, केमिस्ट्री डिपार्टमेंट के हेड डॉ. इंद्रजीत कुमार, फिजिक्स के डॉ. राखो हरि और हिन्दी के डॉ. केके गुप्ता इस कमेटी में सदस्य हैं.

कुलपति के आदेश का इंतजार : प्रोक्टर 

पूछे जाने पर प्रोक्टर डॉ. मिथिलेश सिंह ने कहा कि कुलपति सह आयुक्त के आदेश का इंतजार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस मामले में अन्नदा कॉलेज प्रशासन का कहना है कि राजभवन से रिपोर्ट तलब हुई है, उसका उन्होंने जवाब दे दिया है.

भाजपा नेता ने राजभवन से की शिकायत

इस मामले में भाजपा नेता अनुपम सिन्हा ने बताया कि पूरे मामले की जानकारी राजभवन को दी गई है. जांच कमेटी को सात दिनों के अंदर रिपोर्ट देनी थी, लेकिन अब तक जांच भी नहीं हुई है. जांच रिपोर्ट 15 जुलाई तक ही देनी थी. जल्द इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई, तो इसकी शिकायत राजभवन से करेंगे. वैसे भी अन्नदा कॉलेज में नियम-कायदे को ताक पर रखकर कई काम किए जा रहे हैं. वरीयता के मामले में भी राजभवन के आदेश की अनदेखी की जा रही है. इसे भी पढ़ें : RJD">https://lagatar.in/state-president-said-in-rjd-conference-bjp-is-dividing-the-country-on-caste-religion-lines/">RJD

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