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लाल सलाम के नारे के साथ कामरेड सुभाष मुंडा को दी गयी अंतिम विदाई

  • आदिवासियों की हत्या होना पूरे राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण :  बृंदा करात
Ranchi :   कामरेड सुभाष मुंडा को अश्रुपुरित आंखों और लाल सलाम के नारे के साथ अंतिम विदाई दी गयी. उनके सम्मान में अगले तीन दिनों तक पूरे राज्य के माकपा कार्यालयों में लाल झंडा झुका रहेगा. सीपीआई (एम) के राज्य कमिटी सदस्य सुभाष मुंडा के पार्थिव शरीर को सुबह सात बजे पार्टी के मेन रोड स्थित राज्य कार्यालय ले जाया गया. जहां राज्य सचिव प्रकाश विप्लव, जिला सचिव सुखनाथ लोहरा, आदिवासी अधिकार मंच के प्रफुल्ल लिंडा, दलित शोषण मुक्ति मंच के शिव बालक पासवान, किसान सभा के सुफल महतो, विरेंद्र कुमार, सीपीआई के अजय सिंह, माले के मनोज भक्त, सीटू के अनिर्वाण बोस, एक्टू के शुभेंदु सेन, साझा मंच के अमल आजाद, एडवा की वीणा लिंडा, पार्टी के पूर्व केंद्रीय कमिटी सदस्य गोपी कांत बक्सी सहित पार्टी के सदस्यों ने सुभाष मुंडा को पुष्पांजलि अर्पित की. सीपीआईएम के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद बृंदा करात ने कहा कि आदिवासियों की हत्या होना पूरे राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. (पढ़ें, सावधान!">https://lagatar.in/cyber-criminals-asking-for-money-in-the-name-of-officials-through-fake-emails-of-cbi/">सावधान!

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निवास स्थान से सुभाष मुंडा की शव यात्रा निकाली गयी

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alt="" width="600" height="400" /> पार्टी कार्यालय से सुभाष मुंडा के पार्थिव शरीर को दलादली चौक ले जाया गया. जहां हजारों की संख्या में महिलाएं एवं पुरुषों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान महिलाओं की आंखें नम थीं. वहीं युवा स्तब्ध थे. करीब 12 बजे सुभाष मुंडा के पार्थिव शरीर को उनके निवास स्थान ले जाया गया. इसके बाद दोपहर 2 बजे सुभाष मुंडा की शव यात्रा निकाली गयी. शवयात्रा में भारी संख्या में लोग शामिल हुए. इसके बाद सुभाष मुंडा का अंतिम संस्कार किया गया. इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, भाकपा (माले) के विधायक विनोद सिंह, हटिया के विधायक नवीन जयसवाल समेत वामदलों व अन्य राजनीतिक पार्टियों के कई नेता सुभाष मुंडा को श्रद्धांजलि देने के लिए उपस्थित रहे. इसे भी पढ़ें : पीएम">https://lagatar.in/pm-modi-said-there-is-only-one-slogan-in-rajasthan-kamal-will-bloom-black-deeds-of-congress-are-recorded-in-red-diary/">पीएम

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जानिए कौन थे सुभाष मुंडा

सुभाष मुंडा के दादाजी सुकरा मुंडा भारतीय सेना में थे.  युद्ध के दौरान उन्होंने अपने पैर खोये थे. वो भी सीपीआईएम पार्टी के सदस्य रह चुके हैं. सुकरा मुंडा के बाद उनके बेटे ललित मुंडा ने और उसके बाद सुभाष मुंडा अपने दादा जी के नक्शे कदम पर चलकर सीपीआईएम का दामन थामा. वर्ष 2019 में सीपीआईएम से उन्होंने चुनाव लड़ा. जिसमें उन्हें 13000 वोट मिला था. उन्होंने माडंर उप चुनाव भी लड़ा था. वे शहर में पकड़ बनाये रखने वाले तेज तर्रार युवा नेता थे. सुभाष मुंडा पिछले 12-13 वर्षों से सीपीआईएम के साथ जुड़े हुए थे.  मजदूरों, दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए उन्होंने सड़क से लेकर सदन तक अपनी आवाज को बुलंद किया था. इसे भी पढ़ें : चाईबासा">https://lagatar.in/chaibasa-naxalites-do-posterity-in-sonua-oppose-setting-up-of-crpf-camp/">चाईबासा

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