- घने जंगल से कंधे पर उठाकर आईईडी से भरे रास्तों पर पांच किलोमीटर पैदल चले सुरक्षाबल
- प्राथमिक उपचार के बाद सुरक्षाबलों ने हेलीकॉप्टर से भेजा रांची
Chaibasa (Sukesh kumar) : झारखंड में नक्सलियों के अंतिम गढ़ कोल्हान में निर्णायक लड़ाई जारी है. झारखंड में नक्सलियों के खात्मे को लेकर सुरक्षा बलों द्वारा चौतरफा संयुक्त अभियान झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा, झारखंड जगुआर के साथ चलाया जा रहा है. इसी क्रम में शुक्रवार को पुलिस जावनों और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में नक्सलियों ने अपने ही जख्मी साथी को छोड़कर भाग निकले. पुलिस जावनों ने जख्मी नक्सली को इलाज के लिए हेलिकॉप्टर से रांची भेजा. मालूम हो कि नक्सली राज्य में अपने आखिरी गढ़ एवं शरण स्थली कोल्हान, चाईबासा क्षेत्र में क्रियाशील हैं. नक्सलियों के शीर्ष नेता मिशिर बेसरा (पोलित ब्यूरो मेंबर), अनल (केन्द्रीय कमिटी सदस्य), असीम मंडल (केन्द्रीय कमिटी सदस्य), अन्य शीर्ष नक्सली नेताओं एवं दस्ता सदस्यों के साथ कोल्हान जंगली क्षेत्र, चाईबासा में अपना ठिकाना बनाकर विध्वंसक कार्रवाई को अंजाम दे रहे हैं. सुरक्षा बलों द्वारा नक्सलियों पर लगातार करारा प्रहार जारी है. इसी क्रम में 13 अक्टूबर को कोल्हान के हुसीपी जंगली क्षेत्र में पहले से घात लगाये नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों को टारगेट करते हुए अंधाधुंध गोली-बारी के साथ लैंड माइंस ब्लास्ट किया गया. सुरक्षा बलों को भारी पड़ता देख नक्सली भीषण जंगली क्षेत्र का फायदा उठाकर भाग निकले. इस दौरान नक्सली मुठभेड़ में जख्मी अपने साथियों को भी छोड़कर भाग निकले. शनिवार को सुरक्षाबलों ने सघन तलाशी अभियान चलाया. इस दौरान हुसीपी के घनघोर एवं दुर्गम जंगली क्षेत्र में एक नक्सली मरणासन्न की स्थिति में मिला. सुरक्षा बलों ने जख्मी नक्सली की जान बचाने की नीयत से इलाज के लिए हुसीपी लेकर आये. अपने जान को जोखिम में डालकर आईईडी से भरे रास्तों पर पैदल चलते हुए उसे अपने कंधों पर उठाकर लगभग 05 किमी चलकर हाथीगुरू कैंप पहुंचे. जहां उपस्थित सीआरपीएफ के मेडिकल ऑफिसर ने प्राथमिक उपचार किया. गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे हेलीकॉप्टर से रांची भेजा गया.
झारखंड सरकार एवं सुरक्षा बलों ने नक्सलियों से की अपील
राज्य में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान का एकमात्र उद्देश्य उग्रवाद का खात्मा करना है. ताकि सरकार द्वारा राज्य में चलाये जा रहे विकासशील योजनाओं का लाभ सुदूर क्षेत्रों में भी पहुंच सके. सरकार और सुरक्षाबलों ने नक्सलियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील की है. नक्सलियों के लिए सरकार ने प्रभावी एवं लाभकारी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति लाई है. इसका लाभ लें और समाज से जुड़कर अपने और अपने परिवार को एक बेहतर जीवन दें.
इसे भी पढ़ें : भारत की पाकिस्तान पर धमाकेदार जीत, हिटमैन ने धोया