मंत्री आलमगीर आलम की डिस्चार्ज पर हाईकोर्ट में 5 अप्रैल को सुनवाई
जीवन शैली में बदलाव लाने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंसर और हृदय रोग जैसी गैर संचारी बीमारियों से बचने के लिए हमें अपनी जीवन शैली में बदलाव लाने की आवश्यकता है. इसके अलावा खानपान में हेल्दी डाइट्स का पालन और शारीरिक गतिविधियों (फिजिकल एक्टिविटीज) पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है. लापरवाही बरतने से इन बीमारियों के इलाज में भारी खर्च हो सकता है और पूर्ण स्वस्थ होने की कोई गारंटी भी नहीं है.पूरे राज्य का हेल्थ रिपोर्ट कार्ड बनाने पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल विभिन्न प्रकार की बीमारियां तेजी से फैल रही हैं और ये बीमारियां किसे और कैसे प्रभावित कर रही हैं, इसका सही आंकलन आवश्यक है. इसके लिए राज्य स्तर पर हेल्थ रिपोर्ट कार्ड तैयार करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है, ताकि बीमारियों का प्रॉपर ट्रीटमेंट संभव हो सके. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर और आधुनिक बनाने के लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही है, ताकि नागरिकों को बीमारी की पहचान और इलाज की बेहतर व्यवस्था मिल सके.राज्य के अलग-अलग हिस्सों में व्याप्त बीमारियां
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के कई हिस्सों में विशेष प्रकार की बीमारियां ज्यादा देखने को मिलती हैं. जैसे, सिमडेगा जैसे जिलों में सिकल सेल और एनीमिया जैसी बीमारियां आम हैं, जबकि साहिबगंज और संथाल के क्षेत्रों में कालाजार का प्रभाव अधिक है. ऐसे में क्षेत्र विशेष में व्याप्त बीमारियों का चिन्हीकरण करके उनके इलाज की व्यवस्था की जा रही है, ताकि वहां रहने वाले लोगों और उनकी आने वाली पीढ़ियों को इन बीमारियों से बचाया जा सके.खानपान में मिलेट्स का उपयोग, जंक फूड से बचने की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल की नई बीमारियों का एक मुख्य कारण हमारा खानपान है. जंक फूड्स का अधिक सेवन बच्चों को बीमार बना रहा है और भविष्य में गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है. यदि हमें स्वस्थ रहना है, तो हमें अपने खानपान में लोकल इंडिजिनस फूड्स (मिलेट्स) का उपयोग करना चाहिए और बच्चों को जंक फूड्स के बजाय हेल्दी डाइट्स देना चाहिए.जन्म के साथ होने वाली बीमारियों की जांच और इलाज
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बच्चों में जन्म के समय से ही विभिन्न बीमारियां होती हैं. यदि इन बीमारियों का समय पर इलाज नहीं किया जाता, तो बच्चे की स्थिति गंभीर हो सकती है. इसलिए, नवजातों में होने वाली बीमारियों की प्रॉपर जांच और इलाज की व्यवस्था की जानी चाहिए. इस दिशा में सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं ताकि बच्चों को रोगमुक्त रखा जा सके.यूनिसेफ जैसी संस्थाओं की भागीदारी की सराहना
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के दूर-दराज इलाकों में रहने वाले गरीब और ग्रामीण लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में यूनिसेफ जैसी संस्थाओं की अहम भूमिका रही है. राज्य सरकार अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर हर व्यक्ति तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए संकल्पित है. उनका प्रयास है कि राज्य के सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी उचित इलाज मिल सके, और इसमें स्वयंसेवी संस्थाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार कई रोगों के उन्मूलन के लिए निरंतर काम कर रही है और इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं. इसे भी पढ़ें -बजट">https://lagatar.in/budget-session-hemlal-said-in-the-house-babulal-is-in-the-wrong-party-thats-why-we-ran-away-quickly/">बजटसत्र : सदन में बोले हेमलाल, गलत पार्टी के चक्कर में पड़े हैं बाबूलाल, इसलिए हम जल्दी भागे
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