जीवन शैली में बदलाव की वजह से बढ़ रही है स्वास्थ्य समस्याएं
आज जीवन शैली और कार्य प्रणाली में बदलाव की वजह से स्वास्थ्य समस्याएं भी तेजी से बढ़ रही है. रहन-सहन और खान-पान में जिस तरह से बदलाव हो रहा है, उसने कमोबेश हर व्यक्ति किसी ना किसी बीमारी से ग्रसित कर दिया है. ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां आम हो चुकी है तो कई गंभीर बीमारियां भी लोगों को अपनी चपेट में तेजी से लेती जा रही है. अस्पतालों का इलाज काफी महंगा हो चुका है. जैसे अस्पताल और डॉक्टर होंगे, वैसा ही इलाज का खर्च भी होगा. ऐसे में लोगों को अपनी बीमारी के इलाज के क्रम में आर्थिक मोर्चे पर काफी परेशानियां होती है. इस वजह से हमारी सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने की मुहिम में जुटी है, ताकि लोगों को कम से कम खर्चे में बेहतर से बेहतर उपचार की सुविधा मिल सके.सीमित संसाधनों के बीच स्वास्थ्य व्यवस्था कर रहे हैं मजबूत
झारखंड एक पिछड़ा और गरीब राज्य है. यहां कई चुनौतियां हमारे सामने खड़ी है. संसाधनों की कमी है. लेकिन, इन सब के बाद भी सरकार का प्रयास है कि यहां की विभिन्न समस्याओं को जड़ से समाप्त कर सके. इसी कड़ी में सीमित संसाधनों के बीच स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने का काम तेज गति से चल रहा है. मुख्यमंत्री ने कोरोना काल का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने बेहतर प्रबंधन के जरिए इस बीमारी पर जीत हासिल की, उसे पूरी दुनिया ने सराहा.सभी को एक नजरिए से देखती है सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सभी को एक नजरिए से देखती है. चाहे किसान हो या मजदूर या कोई और वर्ग तथा तबका, सभी के साथ सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए संकल्पित होकर काम करने की आज आवश्यकता है और हमारी सरकार इस दिशा में योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रही है.1 मार्च 2025 से लागू हो रही है योजना
विदित हो कि राज्य कर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना 1 मार्च 2025 से लागू हो रही है. पहले चरण में इस योजना का लाभ कार्यरत सभी राज्य कर्मियों को मिलने जा रहा है. जबकि अन्य श्रेणी के कर्मियों के लिए यह योजना 1 मई 2025 से लागू होगी. इस योजना का लाभ राज्य के सभी सेवाओं के कर्मी, विधानसभा सदस्य, सेवानिवृत कर्मी, पारिवारिक पेंशन प्राप्तकर्ता एवं उनके आश्रित, राज्य विधानसभा के पूर्व सदस्य, अखिल भारतीय सेवाओं के इच्छुक सेवारत/सेवानिवृत्त पदाधिकारी, राज्य सरकार के विभिन्न बोर्ड ,निगम, संस्थान, संस्था में कार्यरत /सेवानिवृत्त नियमित कर्मी, विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के कार्यरत/ सेवानिवृत शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी तथा निबंधित अधिवक्ताओं को मिलेगा. इसके तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा पैनल में शामिल देश के किसी भी अस्पताल में 5 लाख रुपये तक का कैशलेश इलाज लाभुक करा सकेंगे. गंभीर बीमारियों की स्थिति में 10 लाख रुपये तक चिकित्सा व्यय का वहन भी किया जाएगा. अगर इलाज में और भी खर्च हो तो कॉरपस फंड से वह उपलब्ध कराया जाएगा. वहीं, विशेष परिस्थितियों में लाभुकों को एयर एंबुलेंस की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इसे भी पढ़ें – यूरोपीय">https://lagatar.in/pm-modi-holds-delegation-level-talks-with-european-commission-president-ursula-von-der-leyen/">यूरोपीयआयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ पीएम मोदी ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की हर खबर के लिए हमें फॉलो करें Whatsapp Channel: https://whatsapp.com/channel/0029VaAT9Km9RZAcTkCtgN3q
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