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रांची में सरकारी स्कूलों का हाल : बॉयज स्कूल की तुलना में गर्ल्स स्कूलों की स्थिति खराब

Ranchi :  झारखंड के सरकारी स्कूलों में संसाधनों की कमी को लेकर अक्सर कई सवाल उठते रहे हैं. सरकार सरकारी स्कूलों के संचालन में महीने में करोड़ों रुपए खर्च करती है. मॉनिटरिंग सही से नहीं होने के कारण करोड़ों रुपए का बंटाधार हो जाता है. बच्चों को सुविधा के नाम पर सिर्फ मिड डे मील मिलता है. उसमें भी कई बार मास्टर साहब बच्चों के अंडे खा जाते हैं. राजधानी रांची में भी शिक्षा की स्थिति काफी खराब हैं. सबसे अधिक बुरी स्थिति बालिका विद्यालयों की है. राजधानी रांची के अधिकांश स्कूलों में शौचालय, भवन, पानी, प्रयोगशाला, सुरक्षा, पुस्तकालय, कंप्यूटर क्लास, सुरक्षा खेल के साथ खेल के मैदान की स्थिति दयनीय है.

ना शौचालय की व्यवस्था दुरुस्त ,ना ही पीने के पानी की व्यवस्था 

सोमवार को लगातार मीडिया की टीम ने राजधानी के कई विद्यालयों की वस्तुस्थित की पड़ताल की. इस दौरान दिखा कि लड़कों के स्कूलों की तुलना में लड़कियों के स्कूल की हालत अधिक खराब है. बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ का नारा सिर्फ नारों तक ही सीमित है. रांची के छोटानागपुर गर्ल्स हाई स्कूल थड़पखना में छात्राओं के लिए ना  शौचालय की व्यवस्था दुरुस्त है और ना ही पीने के पानी की व्यवस्था की जुगाड़ है. शौचालय है पर दरवाजा टूटा हुआ है. शौचालय में चारों ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है. वहीं छात्राएं गंदा टंकी का पानी पीकर बीमार हो रही हैं. एक चापाकल है, उस चापाकल के चारों ओर भी गंदगी का अंबार लगा हुआ है. लाइब्रेरी, लैब, भवन, सुरक्षा स्कूल में नगण्य है. लाइब्रेरी है पर किताबें नहीं, लैब है पर केमिकल नहीं, भवन है पर दीवारों पर दरार पड़ी है. क्लास रूम में दरवाजा है, पर स्कूल की एक भी खिड़की पर शीशे नहीं है. स्कूल में बिजली की स्थिति भी खराब है. [caption id="attachment_249836" align="aligncenter" width="750"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/02/a31-1-750x375.jpg"

alt="" width="750" height="375" /> बालकृष्ण हाई स्कूल अपर बाजार का शौचालय खराब[/caption]

स्कूल में कक्षाएं नियमित तौर पर चलती हैं

विद्यार्थियों ने बताया कि स्कूल में कक्षाएं नियमित तौर पर चलती हैं. अधिकांश विषयों में शिक्षक मौजूद हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि राजधानी रांची में स्कूलों में विद्यार्थियों की तुलना में शिक्षकों की संख्या प्रत्येक स्कूल में अधिक है. इसके अलावा बालकृष्ण उच्च विद्यालय में  भी बालिकाओं के शौचालय की स्थिति दयनीय है, जबकि  गोस्सनर हाई स्कूल और बीएसवी हाई स्कूल निवारणपुर में स्कूल की स्थिति बालिका स्कूलों की तुलना में बेहतर है. बता दें कि गोस्सनर हाई स्कूल और बीएसवी हाई स्कूल निवारणपुर में सिर्फ छात्र पढ़ते हैं.

10वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को स्मार्ट क्लास की नहीं है जानकारी

छोटानागपुर गर्ल्स हाई स्कूल थड़पखना, एलईबीपी हाई स्कूल बड़ा तालाब (बंगला स्कूल), बालकृष्ण उच्च विद्यालय अपर बाजार, बीएसवी हाई स्कूल निवारणपुर, जिला स्कूल शहीद चौक के विद्यार्थियों को स्मार्ट क्लास क्या होती है इसकी जानकारी नहीं है. जबकि बेथेसदा हाई स्कूल गोसनर कंपाउंड में पढ़ने वाली छात्राओं को स्कूल द्वारा स्मार्ट क्लास का लाभ दिया जा रहा है. राजधानी में सरकारी सहायता प्राप्त कम्युनिटी स्कूलों की स्थिति सरकारी स्कूलों की तुलना में काफी बेहतर हैं. सरकारी स्कूलों में बिजली, पानी की समस्या भी बरकरार है. मैंटेनेंस के नाम पर सरकार स्कूलों को मोटे पैसे देती है पर यह पैसा स्कूल प्रबंधक खर्च करने में असमर्थ हैं. [caption id="attachment_249838" align="alignnone" width="750"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/02/a11-2-750x375.jpg"

alt="" width="750" height="375" /> बालकृष्ण हाई स्कूल अपर बाजार के 12वीं कक्षा में मात्र 2 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हुए[/caption]

एक नजर में देखें स्कूलों की स्थिति

एलईबीपी बांग्ला हाई स्कूल डेली मार्केट बड़ा तालाब भवन : ठीक ठाक स्थिति में हैं. शिक्षक :10 विद्यार्थी :250 (कक्षा 6 से दसवीं तक) लाइब्रेरी : ठीक ठाक स्थिति में हैं. लैब : खराब स्थिति में हैं. मैदान :ठीक स्थिति में हैं. सुरक्षा : सीसीटीवी कैमरा है. पानी : टंकी वाला है. शौचालय : ठीक है. स्कूल के शिक्षक संजीव कुमार ने बताया कि कोरोना काल के कारण लगातार स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या में कमी आई है. छोटानागपुर गर्ल्स हाई स्कूल थड़पखना भवन : जर्जर स्थिति में हैं शिक्षक : जरूरत से अधिक हैं. विद्यार्थी : 110 लाइब्रेरी : जर्जर स्थिति में हैं लैब : खराब स्थिति में हैं मैदान : नहीं है. सुरक्षा : सीसीटीवी कैमरा नहीं है पानी : टंकी वाला है. शौचालय : खराब स्थिति में हैं गोस्सनर हाई स्कूल मेन रोड भवन : ठीक ठाक शिक्षक : 15 विद्यार्थी : 450 लाइब्रेरी : ठीक ठाक लैब : खराब स्थिति में हैं. मैदान : हैं. सुरक्षा : सीसीटीवी कैमरा हैं. पानी : टंकी, आरओ नहीं है. शौचालय : ठीक है. [caption id="attachment_249841" align="alignnone" width="750"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/02/a61-1-750x375.jpg"

alt="" width="750" height="375" /> छोटानागपुर गर्ल्स हाई स्कूल थडपखन का जर्जर भवन[/caption] बालकृष्ण उच्च विद्यालय अपर बाजार भवन : जर्जर शिक्षक : जरूरत से अधिक (26) विद्यार्थी : 720 युवक 411 युवती 309 लाइब्रेरी : जर्जर लैब : जर्जर मैदान : है सुरक्षा : सीसीटीवी कैमरा है. पानी : आरओ है. शौचालय : खराब है. प्राचार्य दिव्या सिंह ने कहा कि स्कूल में जेंडर की समस्या नहीं है. पर तेजी से स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या में कमी आ रही है. मिस हीफाम बालिका हाई स्कूल चुटिया भवन : जर्जर शिक्षक : 12 विद्यार्थी : 400 लाइब्रेरी : खराब स्थिति में हैं. लैब : खराब स्थिति में हैं. मैदान : नहीं है. सुरक्षा : नहीं है. पानी : टंकी का पानी शौचालय : खराब है. इसे भी पढ़ें – कर्नाटक">https://lagatar.in/tension-after-bajrang-dal-workers-murder-in-karnatakas-shivamogga/">कर्नाटक

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