Chaibasa : राज्य में मनरेगा योजना में जमकर अनियमितता बरती जा रही है. जिम्मेवार अधिकारी सिर्फ योजना को किसी भी तरह पूरा करने में लगे हैं. मनरेगा योजनाओं के एनएमएमएस में जो तस्वीर अपलोड की जा रही है वह दूसरे योजना की है. वहीं मजदूर काम किसी और योजना में काम कर रहे और मस्टर रोल किसी और योजना का निकाला जा रहा है. पारदर्शिता और भ्रष्टाचार रोकने के नाम पर ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा एक जनवरी से प्रारंभ किये गए एनएमएमएस (नेशनल मोबाईल मॉनिटरिंग सिस्टम) का बिचौलियों द्वारा जमकर दुरूपयोग किया जा रहा है. विभागीय अधिकारी और कर्मी अप्रत्यक्ष तौर पर इस चोरी पर मौन हैं. भले योजना का काम मजदूर से हो या मशीन से देखने वाला कोई नहीं है. कुछ ऐसा ही नजारा चाईबासा के सोनुआ प्रखंड के कई गांवों में देखने को मिल रहा है. झारखंड नरेगा वाच के संयोजक जेम्स हेरेंज एवं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व राज्य सलाहकार सदस्य बलराम ने सोनुआ प्रखंड के कई गांवों के विभिन्न योजना स्थलों का दो दिवसीय भ्रमण किया और ग्रामीणों के साथ बातचीत की.
केस स्टडी 1
सोनुआ प्रखंड के असनतलिया पंचायत के गोलासाईं गांव में संजय गुन्डुआ की जमीन में एक तालाब खोदने की योजना स्वीकृत है. निर्माण में 19 से 28 अप्रैल तक मस्टर रोल संख्या 798 एवं 946 तैयार किया गया है. जिसमें निरीक्षण की तिथि तक कोई कार्य नहीं किया गया है. लेकिन मेट द्वारा फर्जी तरीके से उनका NMMS एप्प के जरिये 3 दिनों तक फोटो अपलोड कर, हाजरी दर्ज की गयी. यह काम गोलासाईं गांव के जोह्न गुन्डुआ, पिता गिरेन्द्र गुन्डुआ के द्वारा किया गया. योजना के मस्टर रोल में जिन 9 मजदूरों का नाम अंकित है, उसमें से किसी भी मजदूर ने उक्त स्थल पर काम नहीं किया है. वे सिर्फ तस्वीर खींचाने के लिए तालाब में जाते हैं.
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केस स्टडी 2
एदेलबेड़ा गांव के लक्ष्मी मांझी (जॉब कार्ड 2090), गीता मांझी, कपुरमानी मांझी, रिमसी मांझी, सुमी मांझी, सुकमारी मांझी व पाली मांझी जैसे मनरेगा मजदूर जो मात्र फोटो खींचाने के लिए जाते हैं, ये वास्तविक रूप से ग्राम एदेलबेड़ा में बुधराम मांझी की जमीन पर मिश्रित बागवानी में 25 तारीख से ठेकेदार जोह्न गुन्डुआ के मौखिक आदेश पर काम कर रहे हैं. जबकि इस अवधि में उक्त योजना में कोई मस्टर रोल सृजित नहीं है. बल्कि मस्टर रोल पहले सृजित की गई थी, जो 11 से 24 अप्रैल तक के लिए था. लेकिन इस अवधि में उस योजना में किसी तरह का कार्य नहीं किया गया. जब लक्ष्मी मांझी का जॉब कार्ड ऑनलाइन चेक किया गया तो उनके नाम से काम की मांग पंजीकृत्त है. इन मजदूरों में से किसी भी मजदूर के पास उनका जॉब कार्ड नहीं था.
केस स्टडी 3
पोड़ाहाट पंचायत के ग्राम उदनचोका में बंदिया की जमीन में एक तालाब का निर्माण होना है. इस योजना में 18 से 24 तक 29 मजदूरों के नाम से मस्टर रोल सृजित किया गया था. परंतु योजना स्थल पर सिर्फ 17 मजदूर ही काम किये. लेकिन यहां 7 मजदूरों के नाम प्रतिदिन हाजरी बने. इसके पहले भी इस योजना में एक सप्ताह के अंदर 30 से अधिक मजदूरों के नाम मस्टर रोल सृजित हुआ. इस योजना स्थल पर कोई भी मेट मजदूरों को मदद व उनके हाजरी बनाने के लिए कार्यस्थल पर नहीं पहुंचते. सोनुआ प्रखंड के बलजोरी, बारी, देवनबिर, गोविंदपुर, सोनापोस जैसे पंचायतों में इस वित्तीय वर्ष में एक भी मनरेगा मेट की नियुक्ति पंचायतों द्वारा नहीं की गई है. यह इस बात का साफ संकेत है कि उन सभी पंचायतों में मनरेगा योजनाएं ठेकेदारों के माध्यम से संचालित की जा रही है, जो अनुसूची II की धारा 21 का उल्लंघन है.
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