NewDelhi : कांग्रेस ने पाटी की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि आजाद ने पार्टी को धोखा दिया और उनका रिमोट कंट्रोल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास है. जयराम रमेश ने आजाद पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि जीएनए (गुलाम नबी आजाद) का डीएनए मोदी-मय हो गया है.
उन्होंने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ऐसे समय पर यह कदम उठाया जब कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी और ध्रुवीकरण के खिलाफ लड़ रही है तथा त्यागपत्र में कही गयी बातें तथ्यपरक नहीं हैं, इसका समय भी ठीक नहीं है. पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी से निजी खुन्नस और राज्यसभा में न भेजे जाने के कारण त्यागपत्र में अनर्गल बातें की हैं.
A man who has been treated by the greatest respect by the Congress leadership has betrayed it by his vicious personal attacks which reveals his true character. GNA’s DNA has been modi-fied.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 26, 2022
As soon Azad’s Rajya Sabha term got over, he became restless; he can’t stay without post even for a second: Cong media dept head Pawan Khera
— Press Trust of India (@PTI_News) August 26, 2022
Congress gave him (Ghulam Nabi Azad) everything. Today, he is a known leader because of Indira Gandhi, Rajiv Gandhi, and Sonia Gandhi: Congress leader & Rajasthan CM Ashok Gehlot pic.twitter.com/S2Z60WFxMm
— ANI (@ANI) August 26, 2022
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गुलाम नबी आजाद से ऐसी उम्मीद नहीं थी : अशोक गहलोत
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि जिस व्यक्ति (आजाद) को पार्टी ने 42 वर्षों तक कभी बगैर पद के नहीं रखा, वह कांग्रेस के बारे में ऐसी बातें कहेंगे, इसकी उम्मीद देश में किसी को नहीं थी. कांग्रेस ने गुलाम नबी आजाद को सब कुछ दिया. आज वह इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी के कारण जाने-माने नेता हैं.
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राज्यसभा न भेजे जाने के कारण आजाद तड़पने लगे
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, गुलाम नबी आजाद और इन जैसे लोगों को समझ लेना चाहिए कि पार्टी के कार्यकर्ता क्या चाहते हैं. यह व्यक्ति पांच पृष्ठों के पत्र में डेढ़ पृष्ठ तक यह लिखते हैं कि वह किन-किन पदों पर रहे और फिर लिखते हैं उन्होंने नि:स्वार्थ सेवा की. उन्होंने दावा किया कि राज्यसभा न भेजे जाने के कारण आजाद तड़पने लगे. खेड़ा ने आरोप लगाया, ‘‘पार्टी को कमजोर करने में इन्हीं लोगों का तो योगदान रहा है. आप लोगों की वजह से पार्टी कमजोर हुई… पार्टी का कार्यकर्ता इस धोखे को जानता है.
आजाद और मोदी जी के प्रेम को हमने खुद देखा है, यह प्रेम संसद में भी दिखा था
कार्यकर्ता यह भी जानता है कि जो व्यक्ति इस समय धोखा दे रहा है उसका रिमोट कंट्रोल नरेंद्र मोदी के हाथ में है.’’ उन्होंने कहा, आजाद और मोदी जी के प्रेम को हमने खुद देखा है. यह प्रेम संसद में भी दिखा था. उस प्रेम की आज परिणति हुई है… देश का कार्यकर्ता इस व्यक्ति को माफ नहीं करेगा. राहुल गांधी के अध्यादेश की प्रति फाड़ने का आजाद द्वारा अपने त्यागपत्र में उल्लेख किये जाने पर खेड़ा ने कहा, आजाद उस वक्त क्यों नहीं बोले? उस वक्त पद था, इसलिए नहीं बोले.
मतलब यह है कि आप स्वार्थी हैं
मतलब यह है कि आप स्वार्थी हैं. पद है तो नहीं बोलेंगे और जब पद नहीं है तो बोलेंगे.कांग्रेस महासचिव अजय माकन का कहना था कि यह अत्यंत दुख की बात है कि जब कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी और ध्रुवीकरण के खिलाफ लड़ रही है तो उस समय उन्होंने इस्तीफा सामने आया. माकन कहा कि हम सब उम्मीद कर रहे थे कि आजाद जैसे वरिष्ठ नेता विपक्ष और जनता की आवाज को बल देंगे, लेकिन उन्होंने यह नहीं किया.
उमर अब्दुल्ला ने कहा, कांग्रेस के लिए बड़ा झटका
नेशनल कांफ्रेंस (NC) के नेता उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे को पार्टी के लिए बड़ा झटका बताया है. उन्होंने कहा एक इतनी पुरानी पार्टी का पतन देखना दुखद’ और खौफनाक है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘लंबे समय से ऐसी अटकलें थीं… कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा झटका है. शायद हाल के दिनों में पार्टी छोड़ने वाले वह सबसे वरिष्ठ नेता हैं, उनका इस्तीफा बेहद दुखद है. इतनी पुरानी पार्टी का पतन होते देखना दुखद और खौफनाक है.