New Delhi : कांग्रेस ने संसद के नये भवन के उद्घाटन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आज गुरुवार को निशाना साधते हुए कहा कि एक व्यक्ति के अहंकार और खुद के प्रचार की आकांक्षा ने देश की प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति को इस भवन का उद्घाटन करने के संवैधानिक विशेषाधिकार से वंचित कर दिया है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
नई संसद के उद्घाटन कार्यक्रम से राष्ट्रपति को अलग रखना गलत है, उनका घोर अपमान है, लोकतंत्र पर प्रहार है।
इस बात का विरोध आज हर राजनीतिक दल कर रहा है।
: @SupriyaShrinate जी pic.twitter.com/ceRPKCt8fr
— Congress (@INCIndia) May 25, 2023
Yesterday, President Draupadi Murmu inaugurated the country’s largest judicial campus at the Jharkhand High Court complex in Ranchi. It is one man’s ego and desire for self-promotion that has denied the first Adivasi woman President her Constitutional privilege to inaugurate the…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 25, 2023
संसद से लोकतंत्र की आत्मा को ही निकाल दिया गया
कांग्रेस की इस टिप्प्णी से एक दिन पहले ही 19 विपक्षी दलों ने मोदी द्वारा संसद के नये भवन के उद्घाटन किये जाने का बहिष्कार करने के फैसले की घोषणा की है. कांग्रेस, वाम दल, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी समेत 19 विपक्षी दलों ने संसद के नये भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की और आरोप लगाया कि केंद्र की मौजूदा सरकार के तहत संसद से लोकतंत्र की आत्मा को ही निकाल दिया गया है.
नये भवन का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को करना चाहिए
वहीं, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि संसद के नये भवन का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को करना चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता है तो उनकी पार्टी उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होगी. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, कल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रांची में झारखंड उच्च न्यायालय में देश के सबसे बड़े न्यायिक परिसर का उद्घाटन किया.
एक व्यक्ति के अहंकार और स्व-प्रचार की इच्छा ने प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति को 28 मई को नयी दिल्ली में संसद के नये भवन के उद्घाटन के उनके संवैधानिक विशेषाधिकार से वंचित कर दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा, अशोक द ग्रेट, अकबर द ग्रेट, मोदी द इनॉग्रेट.
विपक्षी दलों का यह कृत्य संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान है
विपक्षी दलों द्वारा नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा के बाद भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने विपक्षी दलों की निंदा की और इसे भारत के लोकतांत्रिक लोकाचार और संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान करार दिया. राजग के अनुसार, विपक्षी दलों का यह कृत्य केवल अपमानजनक नहीं बल्कि महान राष्ट्र के लोकतांत्रिक लोकाचार और संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान है. कांग्रेस सहित 19 दलों ने 28 मई को होने वाले समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा के साथ ही मांग की है कि उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नहीं बल्कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करें.
सरकार पर राष्ट्रपति मुर्मू को पूरी तरह दरकिनार करने का आरोप
सरकार पर राष्ट्रपति मुर्मू को पूरी तरह दरकिनार करने का आरोप लगाते हुए 19 दलों ने एक बयान में कहा है कि जब लोकतंत्र की आत्मा को छीन लिया गया है, तो उन्हें नये भवन में कोई महत्व नजर नहीं आता. उन्होंने एक संयुक्त बयान में यह आरोप भी लगाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उद्घाटन समारोह से दरकिनार करना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नेय भवन का उद्घाटन करने का फैसला लोकतंत्र पर सीधा हमला है. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी 28 मई को संसद के नये भवन का उद्घाटन करेंगे.