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कांग्रेस की मांग, पीएम मोदी और अमित शाह पर प्रतिबंध लगे, असम के अखबारों में छपे थे जीत के दावे

NewDelhi :  असम में विधानसभा चुनाव के दौरान  कई अखबारों में खबर(Paid News) के तौर पर भाजपा का विज्ञापन प्रकाशित करने का मामला  गरमाता जा रहा है. बता दें कि कांग्रेस द्वारा शिकायत किये जाने के बाद चुनाव आयोग ने आठ अखबारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अब कांग्रेस मांग कर रही है कि चुनाव आयोग पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और जेपी नड्डा को प्रचार अभियान से डिबार कर दे. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने शनिवार को  EC द्वारा भाजपा नेता हिमंत बिस्व सरमा को प्रतिबंधित करने के फैसले का स्वागत किया.  कहा कि इससे साबित होता है कि भाजपा चुनाव हार चुकी है और अपनी पुरानी तरकीबों पर लौट रही है. सुरजेवाला ने कहा कि मोदी, शाह समेत भाजपा के जितने भी नेता असम के अखबारों में ऐड में दिखे थे, उन सभी को साफ और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया के लिए प्रतिबंधित किया जाये. इसे भी पढ़ें : यूएस">https://english.lagatar.in/car-rider-collides-with-police-barricades-in-us-capitol-one-officer-killed-suspect-in-police-firing-also-dies/44946/">यूएस

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असम के आठ अखबारों को नोटिस जारी किया था

जान लें कि चुनाव आयोग ने खबर के प्रारूप में भाजपा का विज्ञापन प्रकिशित करने पर असम के आठ अखबारों को नोटिस जारी किया था. बता दें कि  अखबारों में खबर के प्रारूप में भाजपा का विज्ञापन छापा गया था और इसमें दावा किया गया था कि भाजपा उन सभी 47 सीटों पर जीत दर्ज करेगी,  जहां पहले चरण में मतदान हुआ था. चुनाव आयोग के अनुसार कांग्रेस की शिकायत के बाद अखबारों को नोटिस भेजा गया.  शिकायत में कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि विज्ञापन चुनाव आयोग के निर्देशों, चुनाव आचार संहिता और जनप्रतिनिधि कानून 1951 का उल्लंघन है.

धमकी मामले में हिमंत बिस्व सरमा पर की कार्रवाई  

इससे पहले चुनाव आयोग ने शुक्रवार को असम सरकार के मंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्व सरमा को बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के अध्यक्ष एच मोहिलारी के खिलाफ कथित रूप से धमकी भरे बयान देने के मामले में तत्काल प्रभाव से 48 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से रोक लगा दी है. चुनाव आयोग के आदेशानुसार, दो अप्रैल (शुक्रवार) को तत्काल प्रभाव से 48 घंटे के लिए हिमंत बिस्व सरमा द्वारा सार्वजनिक सभा करने, सार्वजनिक जुलूस निकालने, रैलियां करने, रोड शो, साक्षात्कार देने और मीडिया में सार्वजनिक बयान देने पर रोक लगायी गयी है. कांग्रेस ने आयोग से सरमा के बयान को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. सरमा ने कहा था कि अगर मोहिलारी विद्रोही नेता एम बाथा के साथ उग्रवाद को बढ़ावा देते हैं तो केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए के माध्यम से उन्हें जेल भेजा जायेगा. बता दें कि बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट असम में कांग्रेस का सहयोगी दल है. हालांकि पहले यह दल भाजपा के साथ था. https://english.lagatar.in/jp-nadda-said-mamta-losing-nandigram-yashwant-sinha-said-we-are-ready-to-answer-bjps-mind-game/44962/

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